जानिए क्या है वित्त आयोग गठन, अध्यक्ष और कार्य

Finance Commission

वित्त आयोग (Finance Commission)
– भारत में संघ एवं राज्यों के वित्तीय संबंधों के सफल संचालन और सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव देने हेतु संविधान के अनुच्छेद 280 में वित्त आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है। यह एक अर्द्ध न्यायायिक निकाय है। इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष में या आवश्यकातानुसार किया जाता है। जबकि राज्य वित्त आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (1 ) की द्वारा किया जाता है।

वित्त आयोग का गठन
वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और 4 अन्य सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उनका कार्यकाल राष्टपति के आदेश के तहत तय होता है और वे पुनर्नियुक्ति के लिए अर्ह भी होते हैं। संविधान ने इन सदस्यों की योग्यता और चयन प्रक्रिया के निर्धारण का अधिकार संसद को प्रदान किया है। इसी अधिकार के अंतर्गत संसद ने यह निर्धारित किया है कि आयोग के अध्यक्ष को सार्वजनिक मामलों में अनुभव के आधार पर तथा चार अन्य सदस्यों को निम्नलिखित योयताओं के आधार पर नियुक्ति किया जाना चाहिए।

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1. किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या इस पद के लिए योग्य व्यक्ति।
2. ऐसा व्यक्ति जिसे सरकार के लेखा एवं वित्त मामलों का विशेष ज्ञान हो।
3. ऐसा व्यक्ति जिसे प्रशासन और वित्तीय मामलों का व्यापक अनुभव हो।
4. ऐसा व्यक्ति जो अर्थशास्त्र का ज्ञाता हो।

वित्त आयोग के कार्य
वित्त आयोग भारत के राष्ट्रपति को निम्नलिखित मामलों पर सिफारिशें करता है।
1. संघ और राज्यों के मध्य करों के शुद्ध आगमों का वितरण और राज्यों के मध्य ऐसे आगमों का आवंटन।
2. भारत की संचित निधि से राज्यों के राजस्व में सहायता अनुदान संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत को अभिनिर्धारित करने वाले सिद्धांत।
3. राज्य वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में नगरपालिकाओं और पंचायतों के संसाधनों की अनुपूर्ति हेतु राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिए आवश्यक उपाय।
4. राष्ट्रपति द्वारा सुदृढ़ वित्त के हित में निर्दिष्ट कोई अन्य विषय।

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आयोग राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपता है। राष्ट्रपति इस रिपोर्ट को इसकी सिफारिशों पर की गई कार्यवाही के व्याख्यात्मक विवरण के साथ, संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत करवाता है। वित्त आयोग की सिफारिशें सलाहकारी प्रकृति की होती हैं। अत: इनको मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती है। यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह राज्यों को दी जाने वाली सहायता के संबंध में आयोग की सिफारिशों को लागू करे।


15वां वित्त आयोग
वर्ष 1951 से अब तक 15 वित्त आयोगों का स्थापना हो चुकी है। 15वां वित्त आयोग के अध्यक्ष के रुप मे एन.के. सिंह को चुना गया है। 15वां वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट अक्टूबर 2019 तक सौपेगा।

अबतक के वित्त आयोगों की सूची–
वित्त आयोग नियुक्ति वर्ष अध्‍यक्ष अवधि
पहला 1951 केसी नियोगी 1952-1957
दूसरा 1956 के संथानाम 1957-1962
तीसरा 1960 एके चंद्रा 1962-1966
चौथा 1964 डॉ पीवी राजमन्‍नार 1966-1969
पांचवां 1968 महावीर त्‍यागी 1969-1974
छठा 1972 पी ब्रह्मानंद रेड्डी 1974-1979
सातवां 1977 जेपी सेलट 1979-1984
आठवां 1982 वाई पी चौहान 1984-1989
नौवां 1987 एन केपी साल्‍वे 1989-1995
10वां 1992 केसी पंत 1995-2000
11वां 1998 प्रो एएम खुसरो 2000-2005
12वां 2003 डॉ सी रंगराजन 2005-2010
13वां 2007 डॉ विजय एल केलकर 2010-2015
14वां 2012 डॉ वाई वी रेड्डी 2015-2020
15वां 2017 एन. के. सिंह 2020-2025

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