राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) - संरचना, अध्यक्ष व कार्य

State PSC
राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) – राष्ट्रीय स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग के समान राज्य स्तर पर राज्य लो​क सेवा आयोगों का प्रावधान किया गया है। संविधान ने 'योग्यता प्रणाली का प्रहरी' बनने के लिए राज्य स्तर पर राज्य लो​क सेवा आयोग की परिकल्पना की है। यह राज्य सेवाओं के लिए भर्ती की अनुशंसा करती है और सलाह मांगे जाने पर पदोन्नति एवं अनुशासनिक मामलों में सलाह देता है।

राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है। संघ लोक सेवा आयोग के समान ही, राज्य लोक सेवा आयोग की सदस्यता के लिए भी कोई विशिष्ट योग्यता निर्धारित नहीं की गई है। किंतु साथ ही यह प्रावधान भी किया गया है कि आयोग के आधे सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन 10 वर्षों के कार्यकाल का अनुभव हो।

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राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य
संविधान ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा शर्तों का निर्धारण करने के लिए राज्यपाल को अधिकृत किया है।
आयोग के अध्यक्ष और सदस्य 6 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की उम्र (दोनों में से जो भी पहले पूरा हो) तक पद धारण करते हैं। उल्लेखनीय है कि संघ लोक सेवा आयोग के मामले में उम्र सीमा 65 वर्ष हे।

राज्य लोक सेवा आयोग की स्वतंत्रता
आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं –
1. यद्यपि राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, किंतु उन्हें केवल राष्ट्रपति द्वारा ही हटाया जा सकता है (न कि राज्यपाल द्वारा)। राष्ट्रपति उन्हें उसी रीति से हटा सकता है जिस प्रकार संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य को हटाया जाता है।
2. यद्यपि सदस्यों की सेवा-शर्तों राज्यपाल द्वारा निर्धारित की जाती है किंतु नियुक्ति के पश्चात् इसमें कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
3. राज्य लोक सेवा आयोग के सभी व्यय राज्य की संचित निधि पर भारित होते हैं।
4. राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष अपने पद त्याग के पश्चात् या तो संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या सदस्य के रूप में अथवा किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए योग्य है किंतु भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन के लिए वह योग्य नहीं है।
5. इसी प्रकार राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य भी अपने पद त्याग के पश्चात् संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति के योग्य हैं, किंतु भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन ​किसी अन्य नियोजन के लिए नहीं।
6. राज्य लोक सेवा आयेाग के अध्यक्ष या सदस्य उसी पद पर पुनर्नियुक्ति हेतु योग्य नहीं है।

राज्य लोक सेवा आयोग के कार्य और उत्तरदायित्व
जो कार्य संघ लोक सेवा आयोग केंद्रीय सेवाओं के संबंध में करता है, वे सभी कार्य राज्य लोक सेवा आयोग राज्य सेवाओं के संबंध में करता है। इन कार्यों के अतिरिक्त, राज्य लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र को राज्य विधानसभा द्वारा बढ़ाया जा सकता है। राज्य लोक सेवा आयोग राज्यपाल के समक्ष अपने कार्यों से संबंधित वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करता हैं, जिसे राज्यपाल राज्य विधानमंडल में प्रस्तुत करवाता है। इस तरह की रिपोर्ट के साथ–साथ सरकार द्वारा आयोग की सलाह की गैर-स्वीकृति की दशा को स्पष्ट करते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत करना आवश्यक है। 

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