'द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा' एक फोटोग्राफर माली अल्मेडा की कहानी है, जो 1990 में अपनी मौत के बाद स्वर्ग के वीजा कार्यालय की तरह प्रतीत होने वाली एक जगह पहुंचता है। वह यह नहीं जानता कि उसे किसने मारा। माली के पास उन लोगों से संपर्क करने के लिए 7 चाँद हैं जिन्हें वह सबसे ज्यादा प्यार करता है। इसी दौरान वहां उसके हाथ गृहयुद्ध के अत्याचारों की तस्वीरों का एक जखीरा लगता है जो सामने आ जाएं तो देश को झकझोर कर रख देंगी। करुणातिलक ने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि वह दिन अब बहुत दूर नहीं रह गया है... श्रीलंका समझ गया है कि भ्रष्टाचार और जातिवाद तथा सांठगांठ के इन विचारों ने काम नहीं किया है और कभी भी काम नहीं करेंगे।' बुकर पुरस्कार 2022 की जूरी के अध्यक्ष नील मैकग्रेगर ने कहा, ‘‘जूरी ने ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा' में जिस चीज की विशेष रूप से प्रशंसा की, वह था इसका, महत्वाकांक्षा का दायरा और इसके कथानक को पेश करने का तरीका।' स्वतंत्र प्रेस ‘सॉर्ट ऑफ बुक्स' द्वारा प्रकाशित ‘द सेवन मून्स ऑफ माली अल्मेडा', गृहयुद्ध से घिरे श्रीलंका की जानलेवा तबाही के बीच इसकी जांच में मृत्यु के बाद के जीवन की पड़ताल करती है।
श्रीलंका के गाले में 1975 में जन्मे और कोलंबो में पले-बढ़े करुणातिलक ने का पहला उपन्यास 2011 में आया था जिसे राष्ट्रमंडल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लंदन में राउंडहाउस में आयोजित पुरस्कार समारोह में करुणातिलक और इस साल के अन्य चयनित लेखक शामिल रहे।
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बता दें कि बुकर पुरस्कार हर साल अंग्रेजी में लिखे गए और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को दिया जाता है। साल 2021 में यह पुरस्कार डेमन गलगुट (Damon Galgut) को उनके उपन्यास द प्रॉमिस (The Promise) के लिए दिया गया था।
बता दें कि बुकर पुरस्कार हर साल अंग्रेजी में लिखे गए और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को दिया जाता है। साल 2021 में यह पुरस्कार डेमन गलगुट (Damon Galgut) को उनके उपन्यास द प्रॉमिस (The Promise) के लिए दिया गया था।
मैन बुकर पुरस्कार : मुख्य तथ्य
मैन बुकर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई। इसमें 50,000 पाउंड (करीब 50 लाख रुपये) की राशि विजेता लेखक को दी जाती है। बुकर पुरस्कार हर साल अंग्रेजी में लिखे गए और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को दिया जाता है। मैन बुकर पुरस्कार हेतु पहले उपन्यासों की एक सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है।
Read in English: Man Booker Prize Winners Complete List (1968-2022)
– मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन को लघु रुप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है।
– यह पुरस्कार राष्ट्रकुल (कॉमनवेल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास हेतु प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है।
– पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था।
– अभी तक कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों– वी.एस. नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी, किरण देसाई और अरविंद अडिग को दिया गया है।
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