मोती कैसे बनता है | Formation of Pearl in Hindi

Formation of Pearl in Hindi

मोती कैसे बनता है?

मोती सीपी के अंदर पायी जाती है यह सफेद, चमकदार वस्तु है जो बहुत ही कीमती होती है। मोती का निर्माण घोंघे के द्वारा होता है। जब बालू का कण इसके अंदर जाता है तो घोंघा इस कण सीप के पदार्थ की परत चढ़ाये चला जाते है। यह परत कैल्शियम कार्बोनेट की होती है। कुछ समय बाद यही परत सीप के अंदर मोती बन जाती है। इसी को सच्चा मोती कहा जाता है। यह आवश्यक नहीं है कि मोती सफेद ही हो। यह काला, गुलाबी, बैंगनी भी हो सकता है। मनुष्य ने कृत्रिम तरीके से भी मोती बनाना सीख लिया हे। इसी को ही मोती कल्चर कहते हैं। जापान में यह तकनीकी काफी प्रचलित है, व ​कृत्रिम मोतियों का यह सबसे बड़ा निर्यातक है।

बर्फ पानी पर क्यों तैरता है?
बर्फ पानी पर इसीलिए तैरती है क्योंकि बर्फ के पूरे टुकड़े का वजन उसके रखने से हटने वाले पानी भाग के वजन के बराबर होता है। यह तरल पदार्थ प्वलनशीलता का सिद्धांत है, जिसके अनुसार वस्तु पानी पर तैरेगी, जब उसा वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के भाग के वजन के बराबर होगा।

ऊंची पहाड़ियों पर हिमपात क्यों होता है?
ऊंचे भागों में वातावरण का तापमान आमतौर पर पानी के जमने के बिंदु से निम्न होता है। अत: ऊंचे क्षेत्रों में वायु में उपस्थित वाष्पित जल बर्फ में परिवर्तित होकर पहाड़ी क्षेत्रों में एकत्र हो जाते है। इसके विपरीत निचले भागों में वातावरण का तापमान पानी के जमने के बिंदु से ऊपर होता है। अत: वाष्पित जल बर्फ न बनकर मोटी-मोटी बूंदों के आकार में वर्षा बनकर बरसता है।

जानिये, छुई मुई का पौधा छूने से क्यों मुरझा जाता है?

वर्षा के बाद इंद्रधनुष क्यों दिखाई देता है?
वर्षा के बाद कुछ बादल आसमान में ही जलवाष्प लिए एकत्रित रहते है। बादलों में उपस्थित पानी की ये बूंदें ​प्रिज्म की तरह काम करती है। पानी की इन बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ने पर ये वर्णक्रम की छटा को प्रदर्शित करती है और ये हमें इंद्रधनुष 7 रंगों के रूप में दिखाई देती है।


सुई पानी में क्यों डूब जाती है जबकि जहाज पानी में तैरता रहता है?
प्लवन के सिद्धांत के अनुसार कोई भी वस्तु पानी में तभी तैरेगी, जब उसका वजन उसके द्वारा हटाए गए पानी के उस भाग के बराबर होगा। एक सुई या स्टीन की गेंद इसलिए पानी में डूब जाती है क्योंकि इसका वजन इसके द्वारा हटाए गए पानी के वजन से ज्यादा होता है। लेकिन लोहे का विशाल जहाज जितने बड़े आकार का होता है। यह उतना ही पानी को विस्थापित करता है। इसी कारण से यह पानी में तैरता है।

बादल किस कारण वायुमंडल में तैरते है?
पृथ्वी की वायुमंडल में वायु की श्यानता होने के कारण बादल के कण अत्यंत धीमी गति से नीचे आ पाते है। जिसके फलस्वरूप हमें बादल आकाश में तैरते हुए नजर आते है।

जुगनू कैसे जलते हैं?
जुगनू एक कीट प्राणी है, जिसके पिछले भाग पर एक प्रकाश उत्पन्न करने वाला केंद्र होता है जो विशेष प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। इन कोशिकाओं में लूसीफेरिन नामक रासायनिक पदार्थ होता है जिससे वायुमंडल की आॅक्सीजन के साथ संपर्क में आने से आॅक्सीकरण होता है, जिसके एक प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न होती है। अलग-अलग जुगनुओं में इस प्रकार की तीव्रता अलग-अलग होती है।


तेल पानी में क्यों नहीं घुलता है?
पानी व दूध के आपस में मिल जाने को मुख्य कारण यह है कि पानी और दुूध के अणुओं का एक समान होना। अत: पानी व दूध में उपस्थित अणु में काफी सघनता से जुड़ जाते है और पानी व दूध का समांग मिश्रण बन जाता है। परंतु जब तेल और जल को मिलाया जाता है तो उनके अणुओं में आकारिक असामानता होती है जिसके कारण इनके अणु आपस में मिल नहीं पाते है और तेल व पानी का समांग मिश्रण नहीं बनता।

जानिये, किस वजह से भंवरे गुनगुनाते हैं?

जानवरों का आंख क्यों रात में चमकती है?
क्योंकि ऐसे जानवरों के नेत्रों में रक्तपटल में दृष्टि पटल के ठीक बाहर की ओर सिल्वर के समान चमकते हुए संयोजी ऊतक तथा अन्य रंगीन पदार्थ के कणों की एक विशेष पतली परत होती है जिसे टेपीटम लूसिडम कहते है। यह परत परावर्ती होती है। अत: प्रकाश पड़ने पर परावर्तित हो जाता है। अत: इसी कारण ऐसे जंतु की आंखे रात्रि के समय चमकती है।

विद्युत बल्ब में फिलामेंट टंगस्टन के क्यों बने होते हैं?
एक विद्युत लैंप के जलने पर इसके फिलामेंट का तापमान लगभग 2700°C होता है चूंकि टंगस्टन मेल्टिंग प्वांइट 3410°C इतने अधिक तापमान को वहन करने में सक्षम है, अत: इसे अन्य धातुओं की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है।

बिजली चमकने का क्या कारण है?
बड़ी-बड़ी बूंदों के टूटने के कारण कही पर धन आवेश तथा कही पर ऋण आवेश अधिक हो जाता है। इस प्रकार बादलों के आधार पर ऋण तथा ऊपरी भाग में धन के आवेश होते है। इस अंतर के कारण तनाव बढ़ जाता है तथा विसर्जन होने से प्रकाश रेंखाए चमक उठती है, जिन्हें बिजली चमकना कहते हैं।

Post a Comment

0 Comments