वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 (1) में उल्लेख है कि संविधान के शुरू के दो वर्ष के अंदर और उसके हरेक पांच वर्ष की समाप्ति पर अथवा उससे पहले ऐसे समय पर जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझे एक आदेश द्वारा वित्त आयोग का गठन कर सकते हैं। इसके बाद संसद द्वारा 1951 में वित्त आयोग अधिनियम 1951 बनाया गया, जिसके अनुसार नियमित अंतराल पर वित्त आयोग गठित किए जाते हैं। बता दे कि वित्त आयोग को एक निश्चित कार्य सौंपा जाता है जब वह कर लेता है, तो उसे भंग कर दिया जाता है जिसे सामान्यतः उसे करने में दो से तीन वर्ष लगते हैं वित्त आयोग की सिफारिशें पांच वर्ष तक लागू रहती हैं।
वित्त आयोग में अध्यक्ष सहित कुल पांच सदस्य होते हैं। संसद ने वित्त आयोग अधिनियम 1951 द्वारा निर्धारित किया कि आयोग के अध्यक्ष पद पर वही व्यक्ति नियुक्त किया जाएगा जिसको सार्वजनिक कार्यों में अनुभव प्राप्त हो। वित्त आयोग के सदस्यों के लिए निम्नलिखित योग्यताएं निर्धारित की गई हैं–
● उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होने की योग्यता रखता हो।
● सरकारी वित्त एवं लेखों में विशेष ज्ञान प्राप्त व्यक्ति।
● वित्तीय मामलों तथा प्रशासन के क्षेत्र में अनुभवी व्यक्ति।
● अर्थशास्त्र में विशिष्ट योग्यता प्राप्त व्यक्ति।
वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के मध्य करों के शुद्ध आगमों के वितरण, राज्यों के मध्य ऐसे तत्संबंधी भाग के आवंटन, भारत की संचित निधि में से राज्यों की सहायता अनुदान को निर्धारित / शासित करने वाले सिद्धांतों तथा देश के सुदृढ़ वित्त व्यवस्था के लिए राष्ट्रपति द्वारा आयोग को सौंपे गए किसी अन्य विषय के संदर्भ में अपनी अनुशंसा करता है। वित्त आयोग के पहले अध्यक्ष के.सी. नियोगी थे।
पंद्रहवें वित्त आयोग का गठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर, 2017 को 15वें वित्त आयोग का गठन करने के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी थी जिसके बाद 27 नवंबर, 2017 को इसका गठन हुआ। 15वां वित्त आयोग 1 अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च, 2025 तक की पांच वर्षो की अवधि के लिए सिफारिशों को कवर करेगा। योजना आयोग के पूर्व सदस्य और पूर्व सांसद एन.के. सिंह 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष बनें। आयोग के 4 सदस्य होंगे जिनका विवरण इस प्रकार है-
1. शक्तिकांत दास (आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव)
2. अशोक लाहिरी (पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार)
3. प्रो. डॉ. अनूप सिंह (जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी)
4. रमेश चंद (सदस्य, नीति आयोग)
भारत के वित्त आयोग के अध्यक्षों की सूची
वित्त आयोग | स्थापना वर्ष | अध्यक्ष | संचालन अवधि |
---|---|---|---|
पहला वित्त आयोग | 1951 | के.सी. नियोगी | 1952–57 |
दूसरा वित्त आयोग | 1956 | के. संथानम | 1957–62 |
तीसरा वित्त आयोगा | 1960 | अशोक कुमार चंदा | 1962–66 |
चौथा वित्त आयोग | 1964 | पी.बी. राजकुमार | 1966–69 |
पांचवा वित्त आयोग | 1968 | महावीर त्यागी | 1969–74 |
छठा वित्त आयोग | 1972 | के. ब्रह्मानंद रेड्डी | 1974–79 |
सातवां वित्त आयोग | 1977 | जे.एम. सालेट | 1979–84 |
आठवां वित्त आयोग | 1983 | वाई.वी. चाहवाण | 1984–89 |
नौवां वित्त आयोग | 1987 | एन.के.पी. साल्वे | 1989–95 |
दसवां वित्त आयोग | 1992 | के.सी. पन्त | 1995–2000 |
ग्यारहवां वित्त आयोग | 1998 | ए.एम. ख़ुसरो | 2000–2005 |
बारहवां वित्त आयोग | 2002 | सी. रंगराजन | 2005–2010 |
तेरहवां वित्त आयोग | 2007 | डॉ. विजय एल. केलकर | 2010–2015 |
चौदहवां वित्त आयोग | 2013 | वाई.वी. रेड्डी | 2015–2020 |
पंद्रहवां वित्त आयोग | 2017 | एन. के. सिंह | 2020-2026 |
सोलहवां वित्त आयोग | – | 2026–2030 |
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