जानिये, कोरोना होने की पुस्टि के 4 जांचों के बारे में

corona test
भारत में कोरोना माहमारी (Corona in India) का कहर जारी है। बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देश में अभी कुल 16,38,871 कोरोना के केस हैं जबकि 35,747 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। कुल केसों में से 10,57,805 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं वहीं 5,45,318 केस फिलहाल सक्रिय हैं। ऐसे में सरकार ने कोरोना वायरस के मरीज़ों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए टेस्टिंग भी बढ़ा दी है। आइये जानते है कि किसी व्यक्ति को कोरोना है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए जो 4 प्रमुख टेस्ट किये जा रहे है वो कौन कौन से है–



1. आरटी- पीसीआर टेस्ट (RT-PCR test)
क्या है : पीसीआर टेस्ट (RT-PCR test) का मतलब real-time reverse transcription polymerase chain reaction (rRT-PCR) test। यह कोरोना वायरस की जांच का तरीका है। इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। आरएनए वायरस का जेनेटिक मटीरियल है।
तरीका क्या है : नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है। ये टेस्ट लैब में ही किए जाते हैं।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : 12 से 16 घंटे
एक्यूरेसी कितनी है : टेस्टिंग की इस पद्धति की विश्वसनीयता लगभग 60% है। कोरोना संक्रमण के बाद भी टेस्ट निगेटिव आ सकता है। मरीज को लक्षणिक रूप से भी देखा जाना जरूरी है।

2. रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test -RAT)
क्या है : कोरोना संक्रमण के वायरस की जांच की जाती है।
तरीका क्या है : नाक से स्वैब लिया जाता है। वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : 20 मिनट
एक्यूरेसी कितनी है : अगर टेस्ट पॉजिटिव है तो इसकी विश्वसनीयता लगभग 100% है। मगर 30-40 % मामलों में यह निगेटिव रह सकता है। उस स्थिति में आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा सकता है।

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3. ट्रू नेट टेस्ट (Truenat Test)
क्या है : ट्रू नेट मशीन के द्वारा न्यूक्लिक एम्प्लीफाइड टेस्ट किया जाता है। अभी इस मशीन से टीबी व एचआईवी संक्रमण की जांच की जाती है। अब कोरोना का स्क्रीन टेस्ट किया जा रहा है।
तरीका क्या है : नाक या गले से स्वैब लिया जाता है। इसमें वायरस के न्यूक्लियिक मटीरियल को ब्रेक कर डीएनए और आरएनए जांचा जाता है।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : तीन घंटे एक्यूरेसी कितनी है : 60 से 70 % मरीजों में कोरोना के संक्रमण की संभावना को बताता है। निगेटिव होने पर आरटी-पीसीआर किया जा सकता है।



4. एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody Test)
क्या है : यह शरीर में पूर्व में हुए कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए किया जाने वाला टेस्ट है। संक्रमित व्यक्ति का शरीर लगभग एक सप्ताह बाद लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है। 9वें दिन से 14वें दिन तक एंटीबॉडी बन जाती है।
तरीका क्या है : खून का सैंपल लेकर किया जाता है।
रिजल्ट आने में कितना समय लगता है : एक घंटा
एक्यूरेसी कितनी है : कोरोना वायरस की मौजूदगी का सीधा पता नहीं चलता। केवल एंटीबॉडी की उपस्थिति की जानकारी मिलती है। इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति को कभी इंफेक्शन हो चुका है। संक्रमण बहुत हल्का होने पर कभी कभी एंटीबॉडी टेस्ट में नहीं पाई जाएगी।

इसके अलावा आप खुद भी जान सकते है, कि आपको कोरोना पॉजिटिव है या नहीं। अगर आपको लगातार खांसी आ रही है या बुखार नहीं उतर रहा और आपको गंध और स्वाद का पता नहीं चल पा रहा है। इस तरह का कोई भी लक्षण दिखने पर आप समझ सकते है कि आप कोरोना मरीज हो सकते है।
symptoms of corona

क्या हैं कोरोना पॉजिटिव के तीन लक्षण
लगातार खांसी का आना- इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं। लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये भी चिंता की बात हो सकती है।

बुख़ार- इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है।

गंध और स्वाद का पता नहीं चलना- विशेषज्ञों का कहना है कि बुख़ार और खांसी अब भी वायरस के वो संभावित महत्वपूर्ण लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

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