अरविंद सक्सेना बने यूपीएससी के नए अध्यक्ष

अरविंद सक्सेना (Arvind Saxena) को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) Union Public Service Commission का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उनकी नियुक्ति के संबंध में 28 नवम्बर 2018 को आधिकारिक बयान जारी किया गया। जिसके अनुसार सक्सेना का कार्यकाल 7 अगस्त 2020 तक होगा। वह वर्तमान में 20 जून से यूपीएससी के कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे थे। यूपीएससी नौकरशाहों, राजनयिकों और पुलिस अधिकारियों के चयन के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है।

अरविंद सक्सेना 8 मई, 2015 को यूपीएससी के सदस्य बने थे। यूपीएससी में शामिल होने से पहले वह विमानन अनुसंधान केंद्र (एआरसी) के निदेशक के रूप में काम कर रहे थे। सक्सेना ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली से पढ़ाई की है। वह 1978 में भारतीय डाक सेवा के लिए चुने गए।

साल 2014 में अरविंद को एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) में विशेष सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया था। एआरसी वायुसेना की विशेष फ्रंटियर फोर्स के कमांडो को ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराती है। यह संस्था देश के सीमावर्ती इलाकों में मानवरहित विमानों के जरिए निगरानी का काम भी करती है।

अरविंद सक्सेना : एक परिचय
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले सक्सेना भारतीय डाक सेवा में 1978 बैच के अधिकारी रहे हैं। वे यूपीएससी में वर्तमान चेयरमैन विनय मित्तल से कार्यभार लेंगे, जो 19 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डाक सेवा में रहने के दौरान वे अलीगढ़ में स्टाम्प व सील फैक्ट्री के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रहे और सहारनपुर में प्रतिष्ठित माने जाने वाले पीएंडटी ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल के तौर पर भी नियुक्त रहे।

वर्ष 1988 में भारतीय डाक सेवा से रॉ में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले सक्सेना को पड़ोसी देशों में रणनीतिक विकास के अध्ययन का विशेषज्ञ माना जाता है। इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे और चीन, पाकिस्तान सहित 5 देशों में रॉ को अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2014 में अरविंद को एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) में विशेष सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया, जो वायुसेना की विशेष फ्रंटियर फोर्स के कमांडो को ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराती है और देश के सीमावर्ती इलाकों में मानवरहित विमानों के जरिए निगरानी का काम करती है। वर्ष 2015 में उन्हें यूपीएससी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया और तब से वे यहीं पर तैनात थे।

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