चीन सरकार ने खत्म की 'एक बच्चा नीति'

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने 29 अक्टूबर को तीन दशक पुरानी एक बच्चे को पैदा करने (China One Child Policy) की विवादित नीति को खत्म कर दिया है। इस नीति को विवादास्पद कहा जाता था क्योंकि इसके चलते बहुत से गर्भपात होते थे और अधिकार समूह तथा कार्यकर्ता निरंतर इसकी आलोचना करते थे। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक 2050 तक चीन में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या करीब 44 करोड़ होगी।

अब दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में दंपति दो बच्चे पैदा कर सकेंगे। यह एक ऐसा कदम है जिससे वैश्विक तौर पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। चीनी सरकार ने देश की जनसंख्या की तेजी से बढ़ती उम्र, श्रम शक्ति में गिरावट आने और आर्थिक मंदी के चलते यह कदम उठाया है।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की ओर से जारी सरकारी अधिसूचना का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि सरकार ने एक बच्चे की पॉलिसी में बदलवा करते हुए सभी दंपतियों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में सीपीसी के चार दिवसीय पूर्ण सत्र के समापन पर इसकी घोषणा की गई। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक तेजी से बूढ़ी होती आबादी की समस्या से निपटने और जनसंख्या विकास के संतुलन के लिए पॉलिसी में बदलाव किया गया है। इस प्रस्ताव को चीनी संसद की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा।

चीन ने आबादी में वृद्धि पर रोक लगाने के लिए 1970 के दशक के अंत में अपनी परिवार नियोजन नीति लागू की थी और इसके तहत ज्यादातर शहरी दंपतियों को एक बच्चे तथा ज्यादातर ग्रामीण दंपतियों को दो बच्चे रखने तक सीमित कर दिया था। दूसरे बच्चे की इजाजत तभी थी जब पहला बच्चा लड़की हो। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश है जहां 1.3 अरब से अधिक जनसंख्या है।

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