भौतिक विज्ञान की प्रमुख शाखाएं | Branches of Physics in Hindi

Branches of Physics

भौतिक विज्ञान की प्रमुख शाखाएं (Main Branches of Physics) :
भौतिकी (Physics) शब्द ग्रीक भाषा के शब्द फ्यूसिका (Phusika) से लिया गया है जिसका अर्थ है प्रकृति (nature)। अतः विज्ञान की जिस शाखा में प्रकृति तथा प्राकृतिक घटनाओं (natural phenomena) का अध्ययन किया जाता है वही भौतिकी है। लेकिन भौतिकी की आधुनिक परिभाषा में उर्जा और पदार्थ और उनके बीच के संबंधों का भी अध्ययन किया जाता है। इसलिए भौतिकी को मुख्य दो मुख्य भागों में बांटा गया है–

1. चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics)
2. आधुनिक भौतिकी (Modern Physics)



1. चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics)
19वीं शताब्दी यानि 1900 ई. तक की भौतिकी को चिरसम्मत भौतिकी माना जाता है।

(i) यांत्रिकी (Mechanics) – इसमें द्रव्य के गुणों तथा प्रकाश की अपेक्षा निम्न चाल से चलने वाली वस्तुओं की गति का अध्ययन किया जाता है।
(ii) प्रकाशिकी (Optics) – इसमें प्रकाश तथा इसके उत्पादन, संचरण एवं संसूचन (detection) से संबंधित सभी घटनाओं का अध्ययन किया जाता है।
(ii) ध्वनि एवं तरंग गति (Sound and Wave Motion) – इसके अंतर्गत तरंग गति एवं ध्वनि का उत्पादन तथा संचरण का अध्ययन किया जाता है।
(iv) ऊष्मा एवं ऊष्मागतिकी (Heat and Thermodynamics) – इस शाखा में ऊष्मा की प्रकृति, उसका संचरण एवं उसके कार्य में परिवर्तन का अध्ययन किया जाता है।
(v) विद्युत्-चुंबकत्व (Electromagnetism) – इसमें विद्युत्, चुंबकत्व एवं विद्युत्-चुंबकीय विकिरण का अध्ययन किया जाता है।





2. आधुनिक भौतिकी (Modern Physics)
इसमें मुख्यतः बीसवीं शताब्दी (सन् 1900 के बाद) से वर्तमान की भौतिकी का अध्ययन किया जाता है।

(i) परमाणु भौतिकी (Atomic Physics) – इसमें परमाणु की संरचना एवं विकिरण के साथ उसकी अन्योन्यक्रियाओं (interactions) का अध्ययन किया जाता है।
(ii) नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics) – इसमें नाभिक की संरचना एवं नाभिकीय कणों की अन्योन्यक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
(iii) क्वाण्टम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) – यह एक विशेष प्रकार की यांत्रिकी है जिसमें अणुओं, परमाणु और नाभिकीय कणों के व्यवहार का वर्णन किया जाता है।
(iv) आपेक्षिकता का सिद्धांत (Theory of Relativity) – सन् 1905 में आइन्सटीन ने आपेक्षिकता का विशिष्ट (special) सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसमें उन नियमों का वर्णन है जो बहुत ही उच्च वेग से चलने वाले कणों की गति पर लागू होते हैं। बाद में सन् 1915 में आइन्सटीन ने आपेक्षिकता का व्यापक (general) सिद्धांत प्रस्तुत किया जिसमें गुरुत्वाकर्षण की व्याख्या की गई।
(v) विश्वविज्ञान एवं अंतरिक्ष अंवेषण (Cosmology and Space Exploration) – इस शाखा में विश्व की उत्पत्ति, संरचना एवं विभिन्न खगोलीय पिण्डों की गति का अध्ययन किया जाता है। अंतरिक्ष अन्वेक्षण में मानव निर्मित या कृत्रिम उपग्रहों का प्रक्षेपण तथा उनसे प्राप्त सूचना का विश्लेषण व अध्ययन किया जाता है।
(vi) मध्याकार भौतिकी (Mesoscopic Physics) – हाल ही में स्थूल (macrosopic) तथा सूक्ष्म (microscopic) प्रभाव क्षेत्रों के मध्य एक मध्य प्रभाव क्षेत्र उभर कर आया है। इसमें कुछ दशक (decades) या कुछ सैकड़ों (hundreds) परमाणुओं के समूहों का अध्ययन किया जाता है। यह अति आधुनिक, परन्तु रोमांचकारी भौतिकी का क्षेत्र है। इसे ही मध्याकार भौतिकी कहते हैं।

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