यशवर्धन बने मुख्य सूचना आयुक्त (CIC)

प्रश्न : वर्तमान में भारत के मुख्य सूचना आयुक्त कौन है?
(A) सुधीर भार्गव
(B) बिमल जुल्का
(C) यशवर्धन कुमार सिन्हा
(D) नीरज कुमार गुप्ता
उत्तर : (C)

सूचना आयुक्त यशवर्धन कुमार सिन्हा (Yashvardhan Kumar Sinha) को 7 नवंबर 2020 को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) (New Chief Information Commissioner) के तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद की शपथ दिलाई गई। सिन्हा ने 1 जनवरी, 2019 में सूचना आयुक्त के तौर पर ज्वाइन किया था। यशवर्धन कुमार सिन्हा 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी थे। वह ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रह चुके हैं। दरअसल, 26 अगस्त को बिमल जुलका का कार्यकाल खत्म होने के बाद से सीआईसी पद खाली था। सिन्हा (62) का कार्यकाल करीब तीन सालों का होगा। सीआईसी या सूचना आयुक्त पांच वर्ष के लिये या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक के लिये नियुक्त किया जाता है।

इसके साथ ही पत्रकार उदय माहुरकर, पूर्व श्रम सचिव हीरा लाल सामारिया और पूर्व उप नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक सरोज पुनहानी को सिन्हा द्वारा सूचना आयुक्त के तौर पर भी शपथ दिलाई गई। सिन्हा, माहुरकर, सामारिया और पुनहानी का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति द्वारा किया गया। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और गृह मंत्री अमित शाह इस समिति के सदस्य हैं।



माहुरकर, सामारिया और पुनहानी के शामिल होने के साथ ही सूचना आयुक्तों की संख्या बढ़कर सात हो जाएगी जबकि उनकी स्वीकृत क्षमता 10 है। वनाजा एन सरना, नीरज कुमार गुप्ता, सुरेश चंद्र और अमिता पांडोवे अन्य सूचना आयुक्त हैं। माहुरकर एक प्रमुख मीडिया संस्थान के साथ सीनियर डिप्टी एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। वह गुजरात के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्वविज्ञान में स्नातक हैं। सामारिया तेलंगाना कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह सितंबर में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव के तौर पर सेवानिवृत्त हुए थे। पुनहानी, 1984 बैच के भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस) अधिकारी रहे हैं।

PDF Download : अरिहंत समसामयिकी महासागर नवंबर 2020 PDF


क्या है केंद्रीय सूचना आयोग Central Information Commission (CIC)
केंद्रीय सूचना आयोग का गठन वर्ष 2005 में केंद्र सरकार द्वारा किया गया। यह एक गैर-संवैधानिक एवं स्वतंत्र निकाय है, जो सूचना से संबंधित दर्ज शिकायतों की जाँच करता है। इस आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त तथा कुछ अन्य सूचना आयुक्त होते हैं, जिनकी संख्या 10 से अधिक नहीं हो सकती, इन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है, जो तीन सदस्यों की होती है। इस समिति में अध्यक्ष, प्रधानमंत्री तथा सदस्य के रूप में लोकसभा में विपक्ष का नेता तथा प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को सार्वजनिक कार्यों का अनुभव होने के साथ-साथ सामाजिक सेवा, प्रबन्धन, विधि, पत्रकारिता, विज्ञान एवं तकनीकी तथा प्रशासन आदि का विशिष्ट अनुभव भी होना चाहिए। इसके साथ ही इनके पास न तो विधानमंडल या संसद की सदस्यता होनी चाहिए और न ही कोई लाभ का पद। आयोग के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष जो भी पहले हो होता है तथा इनको पुनर्नियुक्ति का अधिकार हासिल नहीं होता।

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