देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस बनी प्रांजल पाटिल

(Pranjal Patil

देश की पहली नेत्रहीन महिला आई.ए.एस. अधिकारी प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) ने केरल (kerala) की राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) के सब कलेक्टर का पद 14 अक्टूबर 2019 को संभाला। कुछ करने की चाह हो तो हिम्मत भी आपका साथ देने देने लगती है। इसी को सिद्ध किया है देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस (IAS) प्रांजल पाटिल ने। प्रांजल ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता के अलावा अपने पति को दिया।



महाराष्ट्र (Maharashtra) के उल्हासनगर की रहने वाली पाटिल (30) ने उस समय अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी जब वह मात्र 6 वर्ष की थी। दिव्यांग होने के बावजूद पाटिल उम्मीद नहीं हारीं और अपने हौसले को बुलंद रखते हुए आगे बढ़ती रहीं। उन्होंने 2016 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 773वां रैंक हासिल किया था और अगले वर्ष इसमें सुधार करते हुए 124वां रैंक हासिल किया। पाटिल को उनकी प्रशिक्षण अवधि दौरान एर्नाकुलम सहायक कलैक्टर नियुक्त किया गया था।



प्रांजल ने पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा में 773 वीं रैंक हासिल की थी। उस वक्त उन्हें भारतीय रेलवे लेखा सेवा क्षेत्र में काम मिला था पर पूरी तरह से नेत्रहीन होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं दी गयी थी। पर उन्होनें हार न मानते हुए दोबारा परीक्षा दी और 124वां रैंक हासिल किया। मालूम हो कि प्रांजल ने मुबंई के दादर स्थित श्रीमति कमला मेहता स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की जो खास बच्‍चों के लिए था। यहां पर ब्रेल लिपि में पढ़ाई कराई जाती है। पाटिल ने 10वीं तक पढ़ने के बाद चंदाबाई कॉलेज से आर्ट्स की पढ़ाई की जिसमें उसे 85 प्रतिशत अंक प्राप्त मिले। इन सब के बाद पाटिल ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में दाखिला लिया और बीए किया। दिल्ली के जेएनयू यूनिवर्सिटी से एमए करने के बाद एक खास सॉफ्टवेयर जॉब ऐक्सेस विद स्पीच की सहायता ली जिसे खासतौर पर दृष्टि बाधित लोगों के लिए बनाया जाता है।

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