भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियां और संबंधित उत्पादन

भारत में अनुसंधान से ही यहां की परम्परागत खेती में सुधार हुआ है। बता दे कि भारत के कुल क्षेत्रफल के 51 प्रतिशत भाग पर खेती, 4 प्रतिशत भाग पर चारागाह, 21 प्रतिशत पर वन और 24 प्रतिशत बंजर तथा बिना उपयोग की भूमि है। इसलिए कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाती है। वर्ष 1958 में जब भारत में पहली बार 120 लाख टन गेहूं में 50 लाख टन की बढ़त से कुल 170 लाख टन गेहूं पैदा हुआ, तो अमरीकी वैज्ञानिक डॉ. ​विलियम गाड ने इसे हरित क्रांति की शुरूआत कहा। कृषि सामान्य ज्ञान के अन्तर्गत भारत की कृषि क्रांति पर कई प्रश्न अक्सर पूछे जाते है कि कौन सी क्रान्ति किस फसल से संबंधित है। तो आइये जानते है भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियों के जनक और उनके उत्पादन–


1. हरित क्रांति – खाद्यान्न उत्पादन
2. गोल क्रांति – आलू उत्पादन
3. स्वर्ण रेशा क्रांति – जूट (कपास) उत्पादन
4. ग्रीन गॉल्ड क्रांति – चाय उत्पादन
5. परामनी क्रांति – भिन्डी उत्पादन
6. पीली क्रांति – तिलहन उत्पादन
7. भूरी क्रांति – उर्वरक उत्पादन
8. मूक क्रांति – मोटे अनाजों का उत्पादन
9. रजत रेशा क्रांति – कपास उत्पादन
10. लाल क्रांति – टमाटर और मांस उत्पादन
11. व्हाइट गॉल्ड क्रांति – कपास उत्पादन से (तीसरी क्रांति)
12. श्वेत क्रांति – दुग्ध उत्पादन
13. सदाबहार क्रांति – समग्र कृषि विकास
14. सनराइज/सुर्योदय क्रांति – इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का विकास
15. सिल्वर फाइबर क्रांति – कपास उत्पादन
16. सुनहरी क्रांति – फल उत्पादन
17. सेफ्रॉन क्रांति – केसर उत्पादन
18. स्लेटी/ग्रे क्रांति – उर्वरकों का उत्पादन
19. स्वर्ण क्रांति – फल और शहद उत्पादन
20. रजत क्रांति – अंडा उत्पादन

21. हरित सोना क्रांति – बाँस उत्पादन
22. बादामी क्रांति – मासाला उत्पादन
23. गुलाबी क्रांति – झींगा मछली उत्पादन
24. नीली क्रांति – मत्स्य उत्पादन
25. खाद्य श्रृंखला क्रांति – वर्ष 2020 तक भारतीय कृषकों की आमदनी को दुगुना करने
26. N.H.क्रान्ति – स्वर्णिम चतुर्भुज योजना
27. अमृत क्रांति – नदी जोड़ो परियोजनाएं
28. इंद्रधनुषीय क्रांति – सभी क्रांतियो पर निगरानी
29. कृष्ण क्रांति – पेट्रोलियम उत्पादन
30. खाकी क्रांति – चमड़ा उत्पादन
31. धुसर/स्लेटी क्रांति – सीमेंट उत्पादन
32. गंगा क्रांति – भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु