Noted Gujarati playwright Taarak Mehta passes away at 87


प्रख्यात हास्य लेखक और नाटककार तारक मेहता (Taarak Mehta) का लंबी बीमारी से 1 मार्च, 2017 को निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।




87 वर्ष के तारक मेहता पिछले तीन-चार महीनों से बीमार चल रहे थे। 26 दिसंबर, 1929 को जन्मे तारक मेहता को वर्ष 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। तारक मेहता गुजराती रंगमंच का एक बड़ा नाम थे। सनद रहे, कि तारक मेहता की 80 किताबें बाजार में आ चुकी हैं।

उन्हें उनके गुजराती स्तंभ 'दुनिया ने उंधा चश्मा' से काफी शोहरत मिली। पद्मश्री से सम्मानित लेखक तारक मेहता का स्तंभ सबसे पहले 1971 में गुजराती साप्ताहिक पत्रिका 'चित्रलेखा' में छपा था। इसके बाद साल 2008 में इस पर 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' नाम से टीवी श्रंखला भी बनी, जिससे देश भर में घर-घर उनका नाम चर्चित हो गया।

तारक मेहता : एक परिचय
जन्म : 26 दिसंबर, 1929 में अहमदाबाद में हुआ था।
हिंदी और अंग्रेजी हास्य नाटकों का गुजराती में अनुवाद किया था।
1971 : गुजराती पत्रिका चित्रलेखा के लिए अपना कॉलम दुनिया ने उंधा चश्मा शुरू किया था।
28 जुलाई, 2008 : टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा का पहला एपिसोड आया था।
वर्ष 2015 : साहित्य और हास्य में उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
80 कितावें बाजार में आ चुकी है।
सब टीवी के पॉपुलर शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा ने हाल ही में 2000 एपिसोड पूरे किए है।