अग्नि-4 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण


भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम लंबी दूरी के रणनीतिक बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। 4000 किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद लक्ष्य को भेद सकने वाली इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर स्थित एक परीक्षण रेंज से किया गया। इस लंबी दूरी के बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण 9 नवम्बर को सुबह 9:45 बजे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (व्हीलर) द्वीप लॉन्च कॉम्प्लेक्स से किया गया।

ओडिशा के जिस तट से अग्नि-4 की टेस्टिंग की गई है। उसे पहले Wheeler island के नाम से जाना जाता था। लेकिन अब इस द्वीप को भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले वैज्ञानिक और देश के पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप के नाम से जाना जाता है।

अग्नि-1, 2, व 3 और पृथ्वी मिसाइल पहले ही सैन्य बलों के युद्धक बेड़े में शामिल है, जिसकी पहुंच 3000 किलोमीटर से अधिक की है। यह सेना को प्रभावी प्रतिरोध क्षमता उपलब्ध कराती है। सतह से सतह तक मारने में सक्षम स्वदेशी मिसाइल अग्नि-4 में द्विचरणीय शस्त्र प्रणाली है। यह 20 मीटर लंबी और 17 टन भारी है। अग्नि-4 मिसाइल में पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर लगे हैं। इसकी आधुनिकतम विशेषताएं उड़ान के दौरान होने वाले अवरोधों के दौरान खुद को ठीक एवं दिशा निर्देशित कर सकती हैं। यह अग्नि मिसाइल का पांचवां परीक्षण था। अंतिम परीक्षण रणनीतिक बल कमान द्वारा 2 दिसंबर 2014 को सफलतापूर्वक किया गया।

अग्नि-4 मिसाइल : एक नजर में
1. अग्नि-4 एक Long-Range Ballistic Missile है, जिसकी मारक क्षमता 4 हज़ार किलोमीटर तक है।
2. इसका वजन 17 टन और लंबाई 20 मीटर है।
3. यह एक पहली मिसाइल है, जो मिसाइल प्रौद्योगिकी में क्वांटर लीप का प्रतिनिधित्व करती है।
4. अग्नि-4 मिसाइल 20 मिनट से भी कम समय में चीन पहुंच सकती है और वहां तबाही मचा सकती है। इसकी दायरे में पूरा चीन आता है।
5. इसमें दो चरण के ठोस प्रणोदन और री-इंट्री हीट शिल्ड लगे हैं।
6. यह पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर से सुसज्जित है।
7. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर रास्ते में खुद सुधार लाने की क्षमता है।