रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। 12 दिसंबर 1950 को रजनीकांत का जन्म बेंगलुरू के मराठी परिवार में हुआ था। गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष की बदौलत टॉलीवुड में ही नहीं बॉलीवुड में भी काफी नाम कमाया। दक्षिण भारत में तो रजनीकांत को थलाइवा और भगवान कहा जाता है।
यह भी पढ़े: दादा साहब फाल्के पुरस्कार-इतिहास व विजेता सूची
रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। 25 साल की उम्र में उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी। इस फिल्म में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे। 1975 से 1977 के बीच उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में कमल हासन के साथ विलेन की भूमिका ही की। लीड रोल में उनकी पहली तमिल फिल्म 1978 में ‘भैरवी’ आई। ये फिल्म काफी हिट रही और रजनीकांत स्टार बन गए।
साल 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिया। उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी। रजनीकांत ने इसके बाद सिर्फ तरक्की की सीढ़ियां चढ़ीं। आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं। दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनके ही नाम पर हर साल ये पुरस्कार दिए जाते हैं। अब तक 50 बार ये पुरस्कार दिया जा चुका है। रजनीकांत से पहले अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार दिया गया था।
रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले बस कंडक्टर की नौकरी करते थे। 25 साल की उम्र में उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी। इस फिल्म में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे। 1975 से 1977 के बीच उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में कमल हासन के साथ विलेन की भूमिका ही की। लीड रोल में उनकी पहली तमिल फिल्म 1978 में ‘भैरवी’ आई। ये फिल्म काफी हिट रही और रजनीकांत स्टार बन गए।
साल 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिया। उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी। रजनीकांत ने इसके बाद सिर्फ तरक्की की सीढ़ियां चढ़ीं। आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं। दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनके ही नाम पर हर साल ये पुरस्कार दिए जाते हैं। अब तक 50 बार ये पुरस्कार दिया जा चुका है। रजनीकांत से पहले अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार दिया गया था।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार संबंधी प्रश्न उत्तर
प्रश्न- भारतीय सिनेमा में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार कौन सा है?
उत्तर- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
प्रश्न- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1969 में भारतीय सिनेमा के पितामह दादासाहेब फाल्के की जन्मशती वर्ष के अवसर पर शुरू हुआ था।
प्रश्न- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार किसे दिया जाता है?
उत्तर- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा में अमूल्य योगदान देने वाले को सम्मानस्वरूप दिया जाता है।
प्रश्न- सर्वप्रथम दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता कौन है?
उत्तर- 1969 में सर्वप्रथम प्रसिद्ध अभिनेत्री देविका रानी को दादा साहब फालके पुरस्कार दिया गया था।
प्रश्न- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार कब दिया जाता है?
उत्तर- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के अवसर पर
प्रश्न- दादा साहेब फालके पुरस्कार किस मंत्रालय द्वारा दिया जाता है?
उत्तर- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
प्रश्न- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार में कितनी राशि दी जाती है?
उत्तर- दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता को 10 लाख रुपए और स्वर्ण कमल तथा एक शॉल दिया जाता है।
0 Comments