फिल्म ‘जल्लीकट्टू’ (Jallikattu) को ऑस्कर 2021 के लिए आधिकारिक रूप से भारत से
भेजा गया है। हर साल ऑस्कर में इंटरनैशनल फीचर फिल्म या विदेशी भाषा की फिल्म
कैटिगरी के लिए अलग-अलग देशों से फिल्में भेजी जाती हैं। भारत से भी एक फिल्म भेजी
जाती हैं और इस साल भारत की तरफ से मलयालम फिल्म 'जलीकट्टू' इस कैटिगरी में ऑफिशल
एंट्री है। ऑस्कर में जाने से पहले यह फिल्म भारतीय और विदेशी अवॉर्ड्स जीत चुकी
है। ‘जलीकट्टू' को 27 फिल्मों में से चुना गया। इस फिल्म में विद्या बालन की
‘शकुंतला देवी’, जाह्नवी कपूर की ‘गुंजन सक्सेना’, ‘गुलाबो सिताबो’, ‘द स्काई इज
पिंक’ और विधु विनोद चोपड़ा की ‘शिकारा’ जैसी फिल्मों को पछाड़ कर यह जगह पाई है।
बता दे कि ऑस्कर 2020 के लिए फिल्म ‘गली ब्वॉय’ (Gully Boy) नॉमिनेट हुई थी, लेकिन
ऑस्कर जीत नहीं पाई। इस बार सभी को मलयालम फिल्म ‘जल्लीकट्टू’ (Jallikattu) से काफी
उम्मीदें हैं।
फिल्म ‘जल्लीकट्टू’ (Jallikattu) को 93वें अकाडमी अवॉर्ड्स में ‘बेस्ट इंटरनेशनल
फीचर फिल्म’ कैटेगरी के लिए भेजा गया है।
‘जलीकट्टू' का निर्देशन लीजो जोजे पिल्लीस्सेरी (Lijo Jose Pellissery) ने किया है।
उन्हें 50वें ‘भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव’ (International Film Festival of
India) में श्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया था। इस फिल्म का प्रीमियर सबसे
पहले 6 सितंबर 2019 को टोरंटो इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में किया गया था। इसके बाद
4 अक्टूबर 2019 को इसे केरल राज्य में रिलीज किया गया था। यह फिल्म बुसान इंटरनैशनल
फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित की गई थी। इसके अलावा फिल्म को अन्य अवॉर्ड भी मिल
चुके हैं।
‘जल्लीकट्टू’ की कहानी
कलन वर्की एक कसाई है जो भैंसों को काटता है। पूरा गांव उसी के काटे हुए मीट पर
निर्भर है। तभी वहां से एक उत्पाती भैंसा भाग जाता है और फिर उसे पकड़ने के लिए
पूरा गांव लग जाता है। फिल्म में इसके साथ ही कई साइड स्टोरी भी चलती हैं जिसमें
गांव की गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को उठाया गया है। फिल्म में
एंटोनी वर्गीज, चेंबन विनोद जोस, सैंथी बालाचंद्रन जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिका
निभाई है।
ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित पहली हिंदी फिल्म
ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित की गई पहली हिंदी फिल्म मदर इंडिया थी। महबूब
खान निर्मित इस फिल्म को ऑस्कर के सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म (बेस्ट फॉरेन
लेंग्वेज फिल्म) में साल 1958 में नामांकन मिला। मदर इंडिया के पुरस्कार जीतने के
काफी आसार थे, लेकिन सफल नहीं हो सकी। मदर इंडिया 14 फरवरी, 1957 को रिलीज़ हुई थी।
इसका निर्देशन महबूब ख़ान ने किया है और इसमें नरगिस, सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार
मुख्य भूमिका निभाई थी। इसके बाद 1961 में इस्माइल मर्चेंट की फिल्म द क्रिएशन ऑफ
वुमन को बेस्ट शॉर्ट सब्जेक्ट (लाइव एक्शन) की श्रेणी में चुना गया। लेकिन यह फिल्म
भी ऑस्कर पाने में असफल रही। भारत को पहला ऑस्कर भानु अथैय्या ने दिलाया। साल 1983
में उन्हें फिल्म गांधी के लिए बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन श्रेणी में ऑस्कर दिया गया।
इसी के साथ भानु ऐसी पहली भारतीय बनीं, जिन्होंने ऑस्कर जीता।
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