क्या आप जानते है कि भारत में ऐसी कार भी चलती है जिसपर नंबर प्लेट नहीं होती है। अगर आप बिना रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट की कार चलाकर बाहर जाये तो पुलिस वाले आपका तत्काल चालन काट देगें। इसके अलावा कार चोरी होने के शक ने आपकी कार को भी जब्त कर सकते है। लेकिन हमारे देश में कुछ ही गांडियां ऐसी है जिन्हें बिना नंबर चलाने की इजाजत है। अगर आपको यकीन नहीं होता है तो आगे पूरा लेख पढ़कर आज खुद जान जायेगें।
भारत देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल की वीवीआईपी कारों पर कोई नंबर प्लेट (रजिस्ट्रेशन प्लेट) नहीं होती है। इसके स्थान पर भारत का प्रतीक अशोक स्तंभ लगा होता है। इसमें लाल रंग की नंबर प्लेट पर अशोक स्तंभ की आकृति बनी होती है। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री की गाड़ी पर सफेद रंग की नंबर प्लेट होती है। इसके अलावा बिना नंबर प्लेट की 14 कारें विदेश मंत्रालय के पास भी मौजूद हैं। जिसका प्रयोग आमतौर पर विदेशी मेहमानों को लाने और ले जाने के लिए होता है। उन्हें इन्हीं कारों में बैठाकर धुमाया जाता है।
बिना नंबर वाली कारों का चलन ब्रिटिश काल में बनाए गये कानून है, जो आज भी लागू है। ब्रिटिश कानून के अनुसार, THE KING CAN DO NO WRONG यानी कि राजा कुछ भी गलत नहीं कर सकता। इसको देखते हुए ही देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल और कई वीवीआईपी की कारों पर रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट इसलिए नहीं होती है।
इसके अलावा आइये जानते है कि सफेद रंग, लाल रंग, पीला रंग और काला रंग की नंबर प्लेट का क्या मतलब होता है–
सफेद रंग: सफेद रंग की नंबर प्लेट पर काले रंग से नंबर लिखा गया है तो इसका मतलब है कि यह गाड़ी एक साधारण व्यक्ति की है। सफेद नंबर की प्लेट के लिए यह नियम होता है कि उस गाड़ी का उपयोग प्रोफेशनली यानि कमर्शियल कार्मों के लिए नहीं किया जा सकता, मतलब उस पर सवारियां या माल नहीं ले जा सकते। ऐसा करना गैरकानूनी है।
लाल रंग: लाल रंग की नंबर प्लेट का उपयोग भारत के राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के लिए किया जाता है। इस प्रकार के वाहनों में लाइसेंस संख्या को भारत के प्रतीक के द्वारा स्थानांतरित कर दिया जाता है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री की गाड़ी पर सफेद रंग की नंबर प्लेट होती है।?
पीला रंग : यदि पीले रंग की नंबर प्लेट पर काले रंग से नंबर लिखे है तो इसका मतलब है कि गाड़ी प्रोफेशनल यूज के लिए उपयोग में लाई जा रही है, लेकिन इस वाहन के ड्राइवर के पास प्रोफेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है।
काला रंग: काले रंग के बैकग्राउंड पर पीले रंग से नंबर लिखे रहते हैं, ऐसी गाड़िया होती तो कमर्शियल पर्पज के लिए है, लेकिन इन्हें किराये पर पर्सनल काम के लिए भी ले जा सकते है। ऐसी गाड़ियों के ड्राइवर के पास कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी नहीं होता।
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