वन नेशन वन राशन कार्ड योजना क्या है?

One Nation One Ration Card

पीएम मोदी ने राज्यों से अपील की कि वे वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration card) की दिशा में आगे बढ़े। यह लागू हो जाने से सबसे ज्यादा फायदा उन गरीबों को होगा जो रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य और शहर में जाते हैं, जहां उन्हें अपने राशन कार्ड का फायदा नहीं मिल पाता है। वर्तमान में यह करीब 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है।

20 राज्यों में यह स्कीम लागू हो चुकी है
ऐसे में समझने की जरूरत कि वन नेशन वन राशन कार्ड का क्या मतलब (What is One Nation One Ration card) है। बता दें कि कोरोना संकट (Coronavirus crisis) के बीच एक जून से ही पूरे देश में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' को लागू किया जा चुका है। इसकी शुरुआत 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से की गई। हालांकि अभी भी कई राज्य और केंद्रशासित प्रदेश है, जो इससे नहीं जुड़े हैं। जहां इसे लागू किया गया है वहां कोई भी राशनकार्ड धारक फेयर प्राइस शॉप पर सस्ती कीमत पर अनाज खरीद सकता है।

वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम क्या है?
नैशनल फूड सिक्यॉरिटी ऐक्ट (NFSA) 2013 के मुताबिक, 81 करोड़ लोग सब्सिडी कीमत पर अनाज खरीदने के हकदार हैं। वर्तमान में, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 80 करोड़ लाभार्थियों में से लगभग 23 करोड़ राशन कार्ड NFSA के तहत जारी किए गए हैं।

वर्तमान में राशन कार्ड के क्या हैं नियम?
राशन कार्ड का वर्तमान नियम यह है कि आपका राशन कार्ड जिस जिले का बना है, उसी जिले में राशन मिल सकता है। जिला बदलने पर भी इसका फायदा नहीं मिल पाता है। वन नेशन वन राशन कार्ड लागू होने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी।

सस्ती कीमत पर मिलता है अनाज
राशन कार्ड का फायदा BPL (गरीबी रेखा के नीचे) कार्डधारकों को मिलता है। इसके तहत उन्हें सस्ती कीमत पर अनाज मिलता है। इसके तहत 3 रुपये किलो चावल और 2 रुपये किलो गेहूं मिलता है।

कैसे होगी लाभार्थियों की पहचान
यह टेक्नॉलजी आधारित सेवा होगी। लाभार्थी की पहचान पॉइंट ऑफ सेल पर बायोमिट्रीक पहचान के जरिए होगी।

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