1. 'कुशेशयरजोमृदुरेणुरस्या:' यहां 'कुशेशय' पद का अर्थ है :
- (A) कमल
- (B) नवमालिका
- (C) शकुंतला
- (D) केसरवृक्ष
- (A) वनवासी
- (B) गृहस्थ
- (C) ब्रह्मचारी
- (D) तपस्वी
- (A) प्रतिकूल आचरण वाली स्त्री
- (B) सुन्दर स्त्री
- (C) बायें भाग में स्थित स्त्री
- (D) तरुणी स्त्री
- (A) परिवार जन
- (B) सेवक जन
- (C) पड़ोसी जन
- (D) आश्रमीय जन
- (A) दुर्वासा का पुत्र
- (B) कण्व का भ्राता
- (C) कण्व का शिष्य
- (D) दुष्यंत का सेवक
- (A) अनसूया का प्रियंवदा से
- (B) अनसूया का गौतमी से
- (C) प्रियंवदा का अनसूया से
- (D) शकुंतला का प्रियंवदा से
- (A) बयालीस (42)
- (B) बाइस (22)
- (C) छियालीस (46)
- (D) पच्चीस (25)
- (A) किरातार्जुनीयम् की
- (B) अभिज्ञानशाकुन्तलम् की
- (C) शुकनासोपदेश की
- (D) शिवराजविजयम् की
- (A) विक्रमोर्वशीयम् में
- (B) मालविकाग्निमित्रम् में
- (C) अभिज्ञानशाकुन्तलम् में
- (D) इनमें से किसी में नहीं
- (A) इमां सागरपर्यन्ताम्....।
- (B) प्रवर्ततां प्रकृतिहिताय पार्थिव:....।
- (C) या सृष्टि: स्त्रष्टुराद्या ....।
- (D) पातुं न प्रथमं व्यवस्यति जलम् ....।
- (A) यदु का
- (B) पुरु का
- (C) तुर्वसु का
- (D) द्रुह्यु का
- (A) उत्तररामचरितम् की
- (B) किरातार्जुनीयम् की
- (C) कादम्बरी की
- (D) अभिज्ञानशाकुन्तलम् की
- (A) प्रतिकूल (विपरीत)
- (B) अनुकूल
- (C) आचरण
- (D) चरित्र
- (A) प्रियंवदा का
- (B) अनसूया का
- (C) शकुंतला का
- (D) गौतमी का
- (A) दीर्घापाड़्ग
- (B) मृगानुसारी
- (C) मृगाड़्क
- (D) पिनाकी
- (A) मारीच ने
- (B) पुरोहित सोमरात ने
- (C) कण्व ने
- (D) दुष्यंत ने
- (A) अपि तपो वर्धते?
- (B) कुशलिनी अस्ति वा?
- (C) स्वास्थ्यं कथम् अस्ति?
- (D) भवत्या: नाम किम्?
- (A) शकुंतला के लिए – अड़्क 1
- (B) प्रियंवदा के लिए – अड़्क 4
- (C) अनसूया के लिए – अड़्क 4
- (D) तपोवन के लिए – अड़्क 1
- (A) सभी अड़्कों में
- (B) केवल चतुर्थ अड़्क में
- (C) प्रथम अड़्क छोड़कर सभी अड़्कों में
- (D) केवल चतुर्थ एवं पञ्चम अड़्क में
- (A) द्वितीय, पञ्चम एवं षष्ठ अड़्क में
- (B) प्रथम एवं तृतीय अड़्क में
- (C) द्वितीय एवं तृतीय अड़क में
- (D) द्वितीय एवं चतुर्थ अड़्क में
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