विशाखापट्टनम में हुई गैस लीक–10 की मौत, 5 हजार से ज्यादा संक्रमित

आंध्र प्रदेश के तटीय शहर विशाखापत्तनम की एक फैक्ट्री से जहरीली गैस लीक होने से हुए हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों की संख्या में लोग बीमार हैं। इसके बाद पूरे शहर में तनाव का माहौल है। अभी भी हालत नियंत्रण में नहीं है। स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है।



वहां की आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है। इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। सड़कों पर लोग बेसुध पड़े हुए मिले। कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो कई शरीर पर चकत्ते पड़ने और आंखों में जलन की शिकायत कर रहे थे। जिसके चलते फिलहाल पांच गांव खाली करा लिए गए। वही सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। टीवी फुटेज में मोटरसाइकल सवारों को उस पर गिरते हुए देखा जा सकता है।

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फिलहाल घंटों मेहनत के बाद रिसाव पर काबू पा लिया गया है। इसके साथ ही फैक्ट्री के आस-पास से 3 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया है। करीब 500 लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी भी विशाखापट्टनम के लिए रवाना हो गए हैं। साथ ही पूरे घटना की जांच शुरू कर दी गई है। विशाखापट्टनम नगर निगम के कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला के अनुसार शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टेरेने गैस का रिसाव हुआ है। रिसाव की शुरुआत सुबह 2.30 बजे हुई। गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए, जबकि कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।


बता दे कि एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से की गई थी। कंपनी पॉलिस्टाइरेने और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती है। 1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय कर लिया गया था और फिर यह एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई।

विशाखापत्तनम के बाहरी हिस्से में नायडू थोटा इलाके में एलजी का वह प्लांट है, जहां से गैस लीक हुई। एक स्थानीय पुलिस अफसर ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि प्लांट में बने 5-5 हजार टन के 2 टैंकों से गैस लीक हुई। मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही टैंकों की देखभाल के लिए वहां कोई तैनात नहीं था।


जो गैस लीक हुई, वह स्टीरीन है जिसे एथनीलबेन्जीन भी कहा जाता है। यह एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है। यह एक सिन्थेटिक केमिकल है जो रंगहीन लिक्विड के रूप में दिखता है। हालांकि, काफी समय से इस गैस को रखा जाए तो यह हल्के पीले रंग की दिखती है। स्टीरीन बहुत ही ज्वलनशील होती है और जब यह जलती है तो बहुत ही जहरीली गैस रिलीज करती है। होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर डी रघुनाथ राव के मुताबिक स्टीरीन का इस्तेमाल मुख्य तौर पर पॉलिस्टिरीन प्लास्टिक बनाने में किया जाता है।


एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के इस गैस प्लांट के बारे में जानें-
– एलजी पॉलीमर प्लांट का स्वामित्व दक्षिण कोरिया की बैटरी निर्माता कंपनी एलजी केमिकल लिमिटेड के पास है जो कंपनी की वेबसाइट के अनुसार पॉलीस्टाइरीन का उत्पादन करती है।
– कंपनी इलेक्ट्रिक फैन ब्लेड, कप और कटलरी और मेकअप जैसे कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए कंटेनर बनाने का काम करती है।
– प्लांट अपने उत्पादों को बनाने के लिए स्टाइरीन के कच्चे माल का उपयोग करता है। स्टाइरीन अत्यधिक ज्वलनशील होता है और जलने पर एक जहरीली गैस छोड़ता है।

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– इस कंपनी की स्थापना 1961 में पॉलीस्टाइरीन और को-पॉलिमर्स का निर्माण करने के लिए हिंदुस्तान पॉलीमर्स के तौर पर हुई थी।
– 1978 में इसका यूबी समूह के मैक डॉवेल एंड कंपनी लिमिटेड के साथ विलय हो गया था।
– 1997 में कंपनी को एलजी केमिकल ने अपने कब्जे में ले लिया और इसका नाम बदलकर एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटिड कर दिया गया।
– एलजी केमिकल की दक्षिण कोरिया में स्टाइरेनिक्स के कारोबार में बहुत मजबूत उपस्थिति है।
– कंपनी वर्तमान में भारत में पॉलीस्टाइरीन और विस्तार योग्य पॉलीस्टाइरीन के अग्रणी निर्माताओं में से एक है।

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