यह कथन किस मनोवैज्ञानिक ने दिया? - मनोविज्ञान प्रश्नोत्तर


'विकास एक सतत और धीमी प्रक्रिया है' किसने कहा या 'बालक का मन ही अध्यापक की पाठ्यपुस्तक है' किसने कहा संबंधी मनोविज्ञानिक कथन पर UTET, CTET, UPTET, UP Teacher, HTET, REET आदि परीक्षाओं में कई प्रश्न पूछे जाते है। यह प्रश्न Child Development and Pedagogy विषय के पेपर के अंतर्गत आते है। आज की पोस्ट में  हम सभी महत्वपूर्ण कथन की पूरी सूची यहां दे रहे है। जो आगामी सभी परीक्षाओं के लिए उपयोगी होगी।



1. विकास एक सतत और धीमी प्रक्रिया है। – स्किनर 
2. बालक का मन ही अध्यापक की पाठ्यपुस्तक है। – रुसो
3. बुद्धि, ज्ञान का अर्जन करने की क्षमता है। – जीन पियाजे 
4. मानव शिशु जो कुछ बनता है जीवन के प्रारम्भिक चार व पांच वर्षों में बन जाता है। – सिगमंड फ्रायड
5. बालक की मूल शक्तियां वंशानुक्रम पर निर्भर करती हैं। – थार्नडाइक 
6. मनुष्य में सामूहिकता की मूल प्रवृत्ति होती है। – मैक्डूगल 
7. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होता है। – अरस्तू 
8. बीसवीं शताब्दी को बालक की शताब्दी कहा है। – क्रो एण्ड क्रो 
9. बाल मनोविज्ञान अध्ययन है, जिसमें बालक जन्म, पूर्वकाल से लेकर किशोरावस्था तक का अध्ययन किया जाता है। – क्रो एण्ड क्रो 
10. किशोरावस्था जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन, कठिन संघर्ष एवं तूफानी दौर का समय है। – स्टेनले हॉल 
11. किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है। – किलपेट्रिक 
12. किशोरावस्था बाल्यावस्था व प्रौढ़ावस्था के मध्य का परिवर्तन काल है। – कुल्हन 
13. शिक्षा ही राष्ट्रीय एकता का आधार है। – पं. जवाहर लाल नेहरू 
14. शिक्षा मानव की जन्मजात शक्तियों का स्वाभाविक, समरूप तथा प्रगतिशील विकास है।'' – पेस्टोलॉजी 
15. चिन्तन की योग्यता सफल जीवन के लिए आवश्यक है। – क्रो एण्ड क्रो 
16. चिन्तन मानसिक क्रिया का ज्ञानात्मक पहलू है। – रौस 
17. कल्पना दूरस्थ वस्तुओं के सम्बन्ध में चिन्तन है। – मैक्डूगल 
18. समस्या-समाधान वह प्रतिमान है, जिसमें वर्तिक चिन्तन निहित होता है। – स्टेनले हॉल
19. बच्चे दुनिया के बारे में अपनी समझ का सृजन करते हैं।– जीन पियाजे  
20. शिक्षा एक त्रिध्रुवीय पक्रिया है। – जॉन डी.वी. 
21. व्यवहार के कारण व्यवहार में परिवर्तन ही अधिगम है। – जे.पी. गिलफोर्ड 
22. संवेग, व्यक्ति की उत्तेजित दशा है। – वुडवर्थ 
23. मुझे नवजात शिशु दे दो, मै उसे डॉक्टर, वकील, चोर या जो भी में चाहूं बना सकता हूं। किसने कहा है? – वाटसन 
24. बच्चों का मस्तिष्क साफ स्लेट की तरह होता है, जिस पर समाज जो चाहे लिख सकता है। – जॉन लॉक 
25. शिक्षा का मुख्य कार्य उत्तम नैतिक चरित्र का विकास करना है। – विवेकानन्द 
26. बालक एक शरीर है, जो बढ़ता है, एक आत्मा है, जो विकसित होती है। – मैडम मॉण्टेसरी 
27. बाल्यावस्था जीवन का अनोखा काल है। – कोल व ब्रूस 
28. एक विद्यालय सहकारी समाज है। – रायबर्न 
29. चरित्र उन सब प्रवृत्तियों का योग है जो एक व्यक्ति में होती है। – बैंजामिन 
30. अमूर्त चिन्तन की योग्यता ही बुद्धि है। – टरमन 
31. चरित्रहीन माता-पिता की सन्तान चरित्रहीन होती है। – डगडेल 
32. आनुवंशिकता और वातावरण का सम्बन्ध जोड़ के समान नहीं बल्कि गुणनफल के समान है। – वुडवर्थ 
33. व्यक्ति को उसके माता-पिता के द्वारा उसके पूर्वजों से जो प्रभाव प्राप्त होता हे, वही उसका वंशानुक्रम है। – पीटरसन 
34. सामाजिक अभिवृद्धि और विकास का अर्थ है अपनी और दूसरों की उन्नति के लिए योग्यता की वृद्धि। – सोरेनसन 
35. बौद्धिक विकास संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है। – जीन पियाजे 
36. बच्चे सक्रिय ज्ञान निर्माता तथा नन्हे वैज्ञानिक हैं, जो संसार के बारे में अपने सिद्धान्तों की रचना करते हैं। – जीन पियाजे 
37. मनोविज्ञान, शिक्षा का आधारभूत विज्ञान है। – स्किनर 
38. पिछड़ा बालक वह है जो अपने स्कूल ​जीवन के बीच अपनी आयु के समकक्ष से नीचे की कक्षा का कार्य करने में असमर्थ हो। – बर्ट 
39. अभिप्रेरण सीखने की एक आवश्यक शर्त हैं। – मेल्टन 
40. सीखने की प्रक्रिया अच्छी तरह तभी होगी तब अभिप्रेरण होगा। – एण्डरसन 
41. जो सीखा गया है उसका सीधा प्रयोग स्मृति कहलाती है। – वुडवर्थ 
42. वातारण वह बाहरी शक्ति है जो हमें प्रभावित करती है। – रॉस 
43. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमिक अध्ययन है। – जे. एम. स्टीफन 
44. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों के मनोविज्ञान पक्षों का अध्ययन है। – ट्रो 
45. शिक्षा की प्रक्रिया पूर्णतया तथा मनोविज्ञान की कृपा पर निर्भर है। – वी.एन.झा 


46. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिवेश में व्यक्ति के विकास का व्यवस्थित अध्ययन है। – एस.एस. चौहान 
47. मनोविज्ञान शिक्षा का आधारभूत विज्ञान है। – स्किनर 
48. किसी व्यक्ति के जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के अधिगम अनुभवों का वर्णन तथा धारण ही मनोविज्ञान है। – क्रो एण्ड क्रो 
49. मनोविज्ञान को मन का विज्ञान कहा। – अरस्तू 
50. अनुभव एवं ​प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में संशोधन ही अधिगम है। – गेट्स 
51. अधिगम, आवतों, ज्ञान और अभिवृत्तियों का अर्जन है। – क्रो एण्ड क्रो 
52. व्यवहार के कारण व्हार परिवर्तन अधिगम है। – गिलफोर्ड 
53. पूर्व निर्मित व्यवहार में अनुभव द्वारा परिवर्तन ही अधिगम है। – कालविन 
54. स्थानान्तरण निश्चित परिस्थितियों में निश्चित मात्रा में हो सकता है। – रायवर्न का 
55. प्रेरणा कार्य को प्रारम्भ करने, जारी रखने और नियमित रखने की प्रक्रिया है। – गुड 
56. किसी बात को अच्छी तरह याद रखने के लिए अच्छी तरह सीख लेना, आ​धी से ज्यादा लड़ाई जीत लेना है। – गिलफोर्ड 
57. नई बातों को सीखना पुरानी बातों में बाधा डालना है तथा पुरानी बातों को याद करना नई बातों को सीखने में बाधा डालना है। – वुडवर्थ 
58. मनोविज्ञान व्यहार का निश्चत या शुद्ध विज्ञान है। – वाट्सन 
59. मनोविज्ञान मानव प्रकृति का अध्ययन है। – बेरिंग 
60. मनोविज्ञान वातावरण के सम्पर्क में होने वाले मानव व्यवहारों का विज्ञान है। – वुडवर्थ 
61. मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का विज्ञान है। – मैक्डूगल 
62. मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव सम्बन्धों का अध्ययन है। – क्रो एण्ड क्रो 
63. मनोविज्ञान व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है। – स्किनर 
64. आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है। – मन 
65. अधिगम व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। – स्किनर 
66. व्यवहार के कारण व्यवहार में परिवर्तन ही अधिगम है। – गिलफोर्ड 
67. नवीन ज्ञान और नवीन प्रतिक्रियाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया ही अधिगम हैं। – वुडवर्थ 
68. अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन ही अधिगम है। – गेट्स व अन्य के अनुसार 
69. बाल्यावस्था जीवन का अनोखा काल है। – कोल व ब्रूस 
70. बुद्धि कार्य करने की एक विधि है। – वुडवर्थ 
71. सीखने की शक्ति ही बुद्धि है। – वर्किंघम 
72. बुद्धि ज्ञान का अर्जन करने की क्षमता है। – वुडरो 
73. बुद्धि जीवन की नवीन समस्याओं के समायोजन की सामान्य योग्यता है। – स्टर्न 
74. बुद्धि पहचानने तथा सीखने की शक्ति है। – गाल्टन 
75. सत्य तथा तथ्य के दृष्टिकोण से उत्तम प्रतिक्रियाओं की शक्ति ही बुद्धि है। – थॉर्नडाइक 
76. बुद्धि अच्छी तरह निर्णय करने, समझने तथा तर्क करने की योग्यता है। – वर्ट 
77. बुद्धि इन चारों शब्दों में निहित है ज्ञान, आविष्कार, निर्देश, आलोचना। – विने 
78. व्यक्तित्व गुणों का समान्वित रूप है। – गिलफोर्ड 
79. व्यक्तित्व के व्यवहार की एक समग्र विशेषता ही व्यक्तित्व है। – वुडवर्थ 
80. व्यक्तित्व व्यवहार प्रवृत्तियों का एक समग्र रूप है जो व्यक्तित्व के सामाजिक सामायोजन में अभिव्यक्त होता है। – विग एवं हंट 
81. व्यक्तित्व व्यक्ति के जन्मजात तथा अर्जित स्वभाव, मूल प्रवृत्तियों, भावनाओं आदि का समुदाय है। – मार्टन 
82. अभिप्रेरणा सीखने का सर्वोत्तम राजमार्ग है। – स्किनर 
83. अभिप्रेरणा कार्य को आरम्भ करने, जारी रखने की प्रक्रिया है। – गुड 
84. अभिप्रेरणा वे शारीरिक व मनोवैज्ञानिक दशाएं है, जो किसी कार्य करने हेतु प्रेरित करती है। – मैक्डूगल 
85. अभिप्रेरणा व्यक्तियों की दशा का वह समूह है जो किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति हेतु निश्चित व्यवहार को स्पष्ट करती है। – वुडवर्थ 
86. तुम मुझे एक बालक दो, मैं उसे वो बना सकता हूं जो मैं बनाना चाहता हूं। – वाटसन 
87. शिक्षा मनोविज्ञान अध्यापकों की तैयारी की आधारशिला है। – स्किनर 
88. बालक एक पुस्तक के समान है जिसका अध्ययन प्रत्येक अध्यापक को करना चाहिए। – रूसो 
89. व्यक्तित्व वह है जिसके द्वारा हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति किस परिस्थिति में कैसा कार्य करेगा। – कैटल 
90. समायोजन एक अधिकगम प्रक्रिया है। – स्किनर 
91. स्वप्न चेतन मन का स्वरूप है। – एडलर 
92. स्वप्न अचेतन, चेतन, अर्द्धचेतन तीनों का प्रतिरूप है। – युग 
93. स्वप्न अचेतन मन का स्वरूप है। – सिग्मण्ड फ्रायड 
94. संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है। – वुडवर्थ 
95. प्राणी के पूर्वव्रत व्यवहारों की पुनरावृत्ति ही आदत है। – विलियम जेम्स

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