आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 परीक्षोपयोगी तथ्य

economic survey 2019-20

आर्थिक सर्वेक्षण क्या है : यह भारत के आर्थिक विकास का वार्षिक लेखाजोखा होता है। इस सर्वे रिपोर्ट से आधिकारिक तौर पता चलता है कि पिछले वर्ष आर्थिक मोर्चे पर देश का क्‍या हाल रहा है और आने वाले समय में अर्थव्यवस्था के लिए किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर देखी जा सकती है। इसी से सरकार को अहम सुझाव दिए जाते हैं। लेकिन उसे मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है।



आर्थिक सर्वेक्षण को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार और उनकी टीम तैयार करती है। जिसे ससद में वित्तमंत्री द्वारा पेश किया जाता है। बता दें कि देश में पहली बार आर्थिक सर्वे 1950-51 में जारी किया गया था और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर 1957-58 से आगे के दस्तावेज भी मौजूद हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के परीक्षा उपयोगी तथ्य
➜ 6-6.5% रह सकती है विकास दर 2020-21 में
➜ पूंजी निर्माण, कारोबार अनुकूल नीतियों को प्रोत्साहन, अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ाना रहा केंद्र में।
➜ बाजार में सरकार के अत्यधिक दखल से आर्थिक स्वतंत्रता पर बढ़ता है दबावं
➜ वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में एफडीआई प्रवाह, मांग, जीडीपी राजस्व में बढ़ोतरी रहेगी अहम।
➜ अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए सुधार तेज करे सरकार।
➜ 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के लिए सही तरीके से पूंजी निर्माण होना अहम।
➜ 2017-18 तक छह साल में कुल नौकरियों में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी 17.9 फीसदी से बढ़कर 22.8 फीसदी हो गई।


➜ छह साल में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पैदा हुए कुल 2.62 करोड़ नए रोजगार। महिलाओं के नियमित रोजगार में 8% बढ़ोतरी।
➜ कर्जमाफी से बाधित हुई कर्ज देने की व्यवस्था, किसानों को औपचारिक कर्ज दिए जाने में आई कमी।
➜ सरकार को ऐसे क्षेत्रों की जांच की सलाह, जहां दखल दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है।
➜ सरकार आर्थिक सुस्ती को थामने के लिए 3.3 फीसदी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ा सकती है। दिसंबर तक ही यह घाटा सालाना लक्ष्य का 132% हो गया।
➜ 6 महीने के भीतर ही तैयार कर लिया गया 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण।
➜ नया कारोबार शुरू करने, संपत्ति पंजीकरण, कर भुगतान और अनुबंधों के प्रवर्तन को सुगम करने के लिए उपायों की जरूरत बताई गई है।
➜ चालू वित्त वर्ष (2019-2020) में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान
➜ आर्थिक समीक्षा में सरकारी बैंकों की संचालन व्यवस्था में सुधार तथा भरोसा कायम करने के लिए और अधिक सूचनाएं सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने पर जोर।
➜ आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए चालू वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटा लक्ष्य में ढील देनी पड़ सकती है ।
➜ वित्‍त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में देश की अर्थव्‍यवस्‍था पटरी पर लौट आएगी। इसके बाद वित्‍त वर्ष 2021 में इसके मजबूत स्थिति में पहुंचाने का अनुमान जताया गया है।
➜ इस बार की आर्थिक समीक्षा को हल्के बैंगनी रंग के आवरण में प्रकाशित किया गया है। 100 रुपये के नये नोट का रंग भी यही है। समीक्षा में कहा गया है कि संपत्ति का वितरण करने के लिए पहले उसका सृजन करने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में इसमें संपत्ति का सृजन करने वालों को सम्मान दिए जाने की जरूत पर बल
दिया गया है।
➜ सर्वे में कहा गया है कि जीडीपी ग्रोथ घटने का सबसे बड़ा कारण मांग और निवेशमें कमी रही। इसके कारण सरकार पर आर्थिक सुधारों में तेजी लाने का दबाव बना।

Post a Comment

0 Comments