भारत चीन डोकलाम विवाद क्या है?

डोकलाम एक पठारी क्षेत्र है, जो भूटान की घाटी, भारत के पूर्व सिक्किम जिले और चीन की यवोंग काउंटी के बीच में स्थित है। यह पहाड़ी क्षेत्र में ऐसा इलाका है जो कि 18 किमी चौड़ा और 20 किमी लम्बा चौरस और पहाड़ पर समतल इलाका है यह एक ट्राई-जंक्शन (तिराहा) है जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है। यह ट्राई जंक्शन भारत के नाथुला पास से मात्र 15 किमी की दूरी पर है। डोकलाम को भूटान और चीन दोनों अपना क्षेत्र मानते हैं।



भारत और चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसी सीमा के कारण दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध भी हो चुका है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। ताजा विवाद भारत-भूटान और चीन के मिला बिंदु को लेकर है। जिसे भारत में डोकलाम, भूटान में डोक ला और चीन में डोकलांक कहा जाता है।

डोकलाम विवाद की वजह
चीन एक विस्तारवादी देश है। इसी विस्तारवादी सोच के कारण चीन का लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ विवाद चल रहा है। वर्ष 1988 और 1998 में चीन और भूटान के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश डोकलाम क्षेत्र में शांति बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे।

इस समझौते को दरकिनार करते हुए वर्ष 1988 के बाद से चीन, भूटान के कुछ क्षेत्रों पर अति​क्रमण करता आ रहा है। डोकलाम में वर्ष 2017 तक चीन सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की कोई स्थायी उपस्थिति नहीं थी। पहली बार चीन ने डोकलाम से जुमली में भूटान आर्मी शिविर की ओर एक सपाट सड़क का निर्माण वर्ष 2017 में प्रारंभ किया। भूटान इस सड़क निर्माण का सैन्य तरीके से विरोध करने में सक्षम नहीं है।

हालांकि भूटान चीनी पक्ष को जमीनी और राजनयिक चैनलों के माध्यम से कई बार विरोध जता चुका है। भारत ने चीन द्वारा सड़क निर्माण का पुरजोर विरोध किया तथा 18 जून, 2017 को करीब 300 भारतीय सैनिकों ने दो बुलडोजर्स के साथ डोकलाम में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सड़क बनाने से रोक दिया।



भारत क्यों शामिल है इस विवाद में?
वैसे तो भारत का डोकलाम क्षेत्र पर कोई दावा नहीं है। दरअसल इस क्षेत्र को लेकर चीन-भूटान के बीच की मुख्य विवाद है। भारत और भूटान के बीच वर्ष 1949 में एक संधि हुई थी, जिसमें यह तय हुआ था कि भारत अपने पड़ोसी देश में भूटान की विदेश नीति और रक्षा मामलों का मार्गदर्शन करेगा। भारत और भूटान के बीच वर्ष 2007 में एक और सैन्य सहयोग पर करार हुआ था।

इस करार के अनुच्छेद-2 में कहा गया है, 'भूटान और भारत के बीच घनिष्ठ दोस्ती और सहयोग के संबंधों को ध्यान में रखते हुए भूटान और भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हितों से संबंधित मुद्दों पर एक-दूसरे का सहयोग करेंगी।' चीन डोकलाम को विवादित स्थल के बजाय ऐतिहासिक रूप से अपना स्थल बताता है। चीन के अनुसार, डोकलाम नाम का प्रयोग तिब्बती चरवाहे पुराने चारागाह के रूप में करते थे।

उसका कहना है कि भारत ने वहां निर्माण कार्य रुकवाकर उसकी सम्प्रभुता पर सवाल उठाया है। भारत का कहना है कि चीन ने जब डोकलाम में रोड बनानी शुरु की तो भूटान ने भारतीय सेना से मदद मांगी। डोकलाम, भूटान का हिस्सा है और यह ट्राई जंक्शन है जहां तीनों पक्षों की सहमति के बिना कोई बदलाव नहीं हो सकता।

Post a Comment

0 Comments