सरकारी नौकरी पाना हर युवाओं का पहला लक्ष्य होता है और उच्च पदों की परीक्षा में सफलता पाना उनका पहला सपना होता है। इसी सपने को पूरा करने के लिए हर वर्ष लाखों अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में शामिल होते हैं। लेकिन कुछ प्रतिशत अभ्यर्थी ही राज्य की इस प्रतिष्ठित सेवा में सफल हो पाते है। लेकिन अगर आप सही रणनीति और उचित मार्गदर्शन का पालन करें तो आप कम समय में ही यूपीपीएससी मे अपनी एक सीट सुनिश्चित कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था हैं, जो उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत अपनी सेवाएं देने वाले विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भर्ती हेतु परीक्षाएं आयोजित करवाता है। सामान्यत: उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा के रूप में जानी जाने वाली इस परीक्षा के अंतर्गत डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, एआरटीओ, जिला पूर्ति अधिकारी, बीएसए, जिला पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, वाणिज्य कर अधिकारी, नायब तहसीलदार, सब रजिस्ट्रार, जिला कृषि अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, इत्यादि अन्य अनेक पद नियुक्तियां की जाती है।
UPPSC के लिए योग्यता
सामान्य पदों के लिए स्नातक होना चाहिए लेकिन कुछ विशेष पदों के लिए स्नातक के साथ कुछ विशेष योग्यता भी होनी चाहिए जैसे सब रजिस्ट्रार पर के लिए विधि स्नातक आवश्यक है, कृषि से जुड़े पदों के लिए कृषि स्नातक आवश्यक है इत्यादि। लेकिन सामान्य पदों के लिए स्नातक होना ही काफी है।
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UPPSC परीक्षा के चरण
यूपीपीसीएस द्वारा आयोजित इस परीक्षा में तीन चरणेां के माध्यम से अधिकारियों का चयन किया जाता है।
1. प्रारंभिक परीक्षा – (वस्तुनिष्ठ प्रकृति) यह सिर्फ छटनी प्रक्रिया है, इसमें प्राप्त अंक आपके चयनित अंकों में नहीं जोड़े जाते हैं।
2. मुख्य परीक्षा – लिखित प्रकृति
3. साक्षात्कार
नोट — आपके अंतिमत चयन में मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंक जुड़कर ही अंतिम चयन सूची तैयार की जाती है।
UPPSC प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम
1. प्रथम प्रश्न पत्र : (सामान्य अध्ययन — 150 प्रश्न)
2. द्वितीय प्रश्न पत्र : (सी सैट — 100 प्रश्न)
प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होंगे। प्रत्येक प्रश्न पत्र 200 अंकों का व दो-दो घंटे की अवधि का होगा। दोनों ही प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में प्रथम प्रश्न पत्र (सामान्य अध्ययन) में मिले अंकों के आधार पर ही आपका चयन मुख्य परीक्षा के लिए किया जाएगा जबकि द्वितीय प्रश्नपत्र (सीसैट) क्वालिफांइग नेचर का है जिसमें 33 प्रतिशत अंक लाने पर ही आपको उस प्रश्न पत्र में उत्तीर्ण माना जाएगा।
नोट — वर्तामन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2018 से संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर अपने इन परीक्षाओं में ऋणात्मक अंकन पद्धति (निगेटिव मार्किंग 1/3 को अपना लिया है।) जो आगे आने वाली परीक्षाओं में भी लागू रहेगा।
UPPSC प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति
इस परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के मन में यह दुविधा हमेशा रहती है, कि क्या पढ़ा जाए? कितना पढ़ा जाए? किन किताबों से पढ़ा जाए? इन्हीं सब दुविधाओं को दूर करने के लिए आप प्रत्येक विषयक की निम्नलिखित पुस्तकों को आधार बना सकते हैं।
UPPSC प्रथम प्रश्न पत्र के लिए पुस्तकें/स्त्रोत
इतिहास : एस के पांडे, की तीनों पुस्तकें (प्राचीन भारत का इतिहास, मध्यकालीन भारत का इतिहास और आधुनिक भारत का इतिहास), किरण कॉम्पटीशन टाइम्स (केसीटी) की भारतीय इतिहास की पुस्तक
राजव्यवस्था : परीक्षा वाणी की भारतीय राजव्यवथा, एम. लक्ष्मीकांत (भारतीय राजव्यवथा)
भूगोल : भूगोल एक समग्र अध्ययन (महेश वर्णवाल), कक्षा 9-12 एनसीआईआरटी की भूगोल की पुस्तकें (पुरानी वाली)।
नोट : उत्तर प्रदेश पीसीएस में आर्थिक भूगोल से अधिक प्रश्न पूछ जाते हैं। अत: अभ्यर्थी आर्थिक भूगोल पर विशेष ध्यान दें।
अर्थव्यववस्था : कक्षा 9-12 की एनसीईआरटी की पुस्तकें, प्रतियोगिता दर्पण का अतिरिक्ततांक (भारतीय अर्थव्यवस्था), अर्थव्यवस्थारमेश सिंह।
समसामयायिकी — परीक्षा से 8-10 महीने पहले तक के करेंट की खबरों का अध्ययन करें। इसके लिए मासिक पत्रिका एवं आॅनलाइन साधनों का उपयोग कर सकते हैं। – सफलता समसमायिकी (मासिक) क्रॉनिकल (पतली वाली) – पीसीएस मंत्रा (फेसबुक पेज,पोर्टल) राज होल्कर जी के करेंट अफेयर्स के नोट्स।
सामान्य विज्ञान : लूसेंट सामान्य विज्ञान, कक्ष 9-12 एनसीईआरटी की पुस्तकें।
पर्यावरण : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (परीक्षा वाणी),
राज्य विशेष (यूपी स्पेशल) : घटना चक्र उत्तर प्रदेश
UPPSC द्वितीय प्रश्नपत्र के लिए पुस्तकें/स्त्रोत
गणित : एस डी यादव की पुस्तक
तर्कशक्ति (रीजनिंग) : केपी सिंह
हिंदी : हरदेव बाहरी और आदित्य प्रकाशन की पुस्तकें
अंग्रेजी : लूसेंट सामान्य अंग्रेजी
अंतरवैंयक्तिक क्षमता/संप्रेशण कौशल : विद्या प्रकाशन की पुस्तक,
निर्णयन क्षमता एवं समस्या समाधान : दृष्टि आईएएस नोट्स
UPPSC में पूर्व के वर्षों में आयोजित परीक्षा के प्रश्नों का विशेष महत्व रहता है, इसके लिए आप सामान्य अध्ययन (प्रथम प्रश्नपत्र) के प्रत्येक विषय के पिछले 10 वर्षों में आ चुके प्रश्नों को जरूर हल करें, इसके लिए आप घटना चक्र पूर्वाअवलोकन खंड के द्वारा निकाली गई पुस्तकें देख सकते हैं।
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