जानिये क्या है जी-20 शिखर सम्मेलन और सदस्य देश

G 20
जी-20 समिट विश्व के 20 बड़े देशों का आर्थिक मंच है। इसमें विश्व के सात बड़े औद्योगिक देशों-​ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान, जर्मनी एवं अमेरिका के साथ-साथ भारत, चीन, अर्जेण्टीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, इण्डोनेशिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और तुर्की शामिल है। यूरोपीय संघ इस समूह के 20वें सदस्य के रूप में शामिल है। जी-20 की स्थापना वर्ष 1997-98 के एशियायी संकट के बाद ब्रेटनवुड व्यवस्था की रूपरेखा के अन्तर्गत औद्योगिक देशों एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता की प्राप्ति हेतु संवाद स्थापित करने के लिए ​हुई थी। इसका प्रथ​म शिखर सम्मेलन वर्ष 2008 में वाशिंटन में हुआ। वर्ष 2008 के बाद से जी-20 के नेता आठ बार बैठक कर चुके हैं। जी-20 की बैठक 2019 में 28-29 जून को जापान के ओसाका में होनी है।

जी-20- वित्तीय स्थिरता बोर्ड, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन के साथ मिलकर काम करता है। कई अन्य संगठनों को भी जी-20 की प्रमुख बैठकों में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

जी-20 के कार्य क्या हैं?
जी-20 समूह हर वर्ष एक सम्मेलन का आयोजन कर उभर रही वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करता है और उसका समाधान ढूंढने की कोशिश करता है। इस समूह के गठन का उद्देश्य उभरती आर्थिक शक्तियों को नये प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना और वैश्विक बाजारों में तेजी और स्थिरता प्रदान करना था। अगर आज की बात करें तो जी-20 का दुनिया की 85 फीसदी अर्थव्यवस्था और 75 फीसदी व्यापार पर पूरी तरह कब्जा है और अगर वैश्विक जनसंख्या की बात करें तो यह समूह 60 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है।


इसके अलावा, वर्ष के दौरान, देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं। इन बैठकों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों और विशेष मुद्दों पर नीतिगत समन्वय पर काम करने वाले कार्य समूहों के बीच वर्ष भर चलने वाली बैठकें भी होती हैं।

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