भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका

role of political parties

भारत में दलीय व्यवस्था का विकास राष्ट्रीय आंदोलन के गर्भ से होता है। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व राष्ट्रीय आंदोलन का माध्यम होने के कारण कांग्रेस आम सह​मति निर्मित करने एवं विकसित करने वाले एक कांग्रेस आम सहमति निर्मित करने एवं विकसित करने वाले एक सशक्त राजनीतिक दल के रूप में उभर कर आई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई राजनीतिक दलों का गठन हुआ था, लेकिन उनका अस्तित्व न के बराबर रहा। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी करीब 1967 तक संपूर्ण भारत में कांग्रेस का ही प्रभुत्व रहा, लेकिन 1967 में कांग्रेस को अनेक राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ। (1959 में सर्वप्रथम गैरकांग्रेसी सरकारी केरल में बनी थी) तथा 1977 में पांच दलों के विलय से गठित जनता पार्टी ने कांग्रेस को केंद्र से भी सत्ता से हटा दिया। इस प्रकार 1977 ई. के लोकसभा चुनावों के परिणामस्वरूप भारत में पहली बार केद्र में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस के स्थान पर जनता पार्टी की सरकार स्थापित हुई।
जनता पार्टी की स्थापना पांच राजनीतिक इकाइयों संगठन कांग्रेस, जनसंघ, भारतीय लोकदल, समाजवादी दल और चंद्रशेखर के नेतृत्व में विद्रोही कांग्रेसियों के सम्मेलन से हुई थी और मई 1977 के प्रथम सप्ताह में जब जगजीवनराम के नेतृत्व वाली 'लोकतंत्रीय कांग्रेस' (Congress for Demoracy) का भी इसमें विधिवत् रूप से विलय हो गया तब इस स्थिति को दृष्टि में रखते हुए आशा की जाने वाली कि बहुत शीघ्र ही भारतीय राजनीति में 'राजनीतिक ध्रुवीकरण' (Political Polarisation) की स्थिति आ जायेगी अर्थात् बहुत कुछ सीमा तक भारत में 'द्विदलीय व्यवस्था' स्थापित हो जायेगी, लेकिन 1978 के प्रारंभ से यह नितांन्त स्पष्ट हो गया कि हम 'राजनीतिक ध्रुवीकरण' की दिशा में आगे बढ़ने के बजाय राजनीतिक दलों के विघटन और बिखराव की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। 1980 में लोकसभा के लगभग दो तिहाई स्थान इंदिरा कांग्रेस के द्वारा प्राप्त किये गये और शेष स्थान विभिन्न विपक्षी दलों में बंट गये। इस प्रकार भारतीय दलीय व्यवस्था की मूल प्रवृत्ति एक दल की प्रधानमा वाली बहुदलीय पद्धति या बहुदलीय पद्धति में एक दल की प्रधानता वाली बहुदलीय पद्धति या बहुदलीय पद्धति में एक दल की प्रधानता पद्धति में एक दल की प्रधानता पुन: स्थापित हो गयी। इस प्रकार 1977 से 1980 तक जनता पार्टी से संबंध संयुक्त दल का युग था। 



तत्पश्चात् 1980 से 1989 तक केंद्र में सक्रिय कांगेस एवं राज्यों में कांग्रेस तथा क्षेत्रीय दलों के अशांतिपूर्ण तनाव का युग रहा। 1989 से 1991 तक बहुदलीय स्थिति से संभावित केंद्र में मिश्रित व्यवस्था का संक्रमण काल माना जा सकता है। जबकि 1991-96 तक केंद्र में कांग्रेस की सक्रियता और तनावपूर्ण राजनीतिक का युग रहा। 1996 के चुनावों के बाद केन्द्र और राज्यों में एकदलीय प्रभुत्व का अंत हुआ केन्द्र में 13-14 दलों की अल्पमतीय मिलीजुली सरकार बनी जिसे कांग्रेस और मार्क्सवादी साम्यवादी दल का बाहर से समर्थन हासिल हुआ। फरवरी 1998 में संपन्न 12वीं लोकसभा के चुनावों की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि देश की राजनीतिक शक्तियों का तीन गठबंधनों में ध्रुवीकरण हो गया भाजपा और सहयोगी दल, कांग्रेस और सहयोगी दल तथा यूनाइटेड फ्रन्ट।

अप्रैल मई 2014 में संपन्न 16वीं लोकसभा के चुनाव मोटे रूप से दो नेता, दो दलों एवं दो गठबंधों के बीच आमने-सामने की टक्कर के रूप में संपन्न हुए। दो नेता थे नरेंद्र मोदी और सोनिया गांधी बनाम राहुल गांधी, दो दल थे भाजपा और कांग्रेस और दो गठबंधन थे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एवं काग्रेस व सहयोगी दल।

राजनीतिक दलों को मान्यता
राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करना चाहता है। वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है। निर्वाचन आयोग ऐसे दल को चुनाव में उसके प्रदर्शन को देखते हुए कुछ शर्तों के आधार पर पिछले लोकसभा या राज्य विधान सभा के आम राष्ट्रीय अथवा राज्य-स्तर के दल के रूप में मान्यता प्रदान करता है।



भारत के प्रमुख राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दल
राजनीतिक दल गठन का वर्ष संस्थापक/प्रथम अध्यक्ष
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1885 (मुंबई) ए ओ ह्यूम (पहला अध्यक्ष व्यामेश चंद्र बनर्जी)
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP) 1980 (नई दिल्ली) अटल बिहारी वाजपेयी
3. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) 1920 एम. एन. राय
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (C.P.I.M.) 1964 ई.एम.एस. डांगे
5. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) 1949 सी.एन. अन्ना दुराई
6. अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (ADMK) 1972 एम.जी. रामचंद्रन
7. बहुजन समाज पार्टी 14 अप्रैल 1984 (अंबेडकर के जन्मदिन पर) कांशीराम
8. समाजवादी पार्टी 4 नवंबर 1992 मुलायम सिंह यादव
9. जनता पार्टी 1977 जय प्रकाश नारायण
10. तेलगू देशम 1982 एन.टी. रामाराव
11. राष्ट्रीय जनता दल 1997 शरद पवार, पी.ए. संगमा
12. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 1999 तारिक अनवर
13. तृणमूल कांग्रेस 1998 ममता पार्टी
14. आम आदमी पार्टी 2012 अरविंद केजरीवाल

मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय दल
वर्ष राष्ट्रीय दल राज्य स्तरीय दल
1951 14 60
1957 4 12
1962  16
1967 21
1971 8 17
1977 5 18
1980 6 19
1984 7 19
1989 8 20
1992 6 34
1994 6 335
1998 7 48
1999 7 40
2005 6 46
2009 7 48
2010 6 42
2015 6 50
2019 7 59

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