राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष - डाॅ. भगवान लाल सहनी

national commission for backward classes

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रथम अध्यक्ष डाॅ. भगवान लाल सहनी (Bhagwan Lal Sahani) है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को सांविधानिक दर्जा मिलने के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर के भाजपा के वरिष्ठ नेता भगवान लाल सहनी को 28 फरवरी 2019 को इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया। वह मुजफ्फरपुर लोकसभा से तीन बार और औराई विधानसभा से भी चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा सुधा यादव, वाराणसी के पूर्व मेयर कौशलेंद्र पटेल और तेलंगाना भाजपा से जुड़े आचार्य तालु को इसका सदस्य नियुक्त किया गया है। वर्तमान में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष का पद खाली रखा गया है।

क्या है राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes)
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा में 3 अगस्त, 2018 को मंजूरी प्रदान की गई। लोकसभा ने राज्यसभा द्वारा विधेयक में किए गए संशोधनों को निरस्त करते हुए वैकल्पिक संशोधन तथा और संशोधनों के साथ ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017’ पारित किया था। सनद रहे कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होंगे. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों की सेवा शर्तें एवं पदावधि वही होगी जो राष्ट्रपति तय करेंगे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को अपनी स्वयं की प्रक्रिया विनियमित करने की शक्ति होगी।

आयोग को संविधान के अधीन सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों के लिए उपबंधित सुरक्षा उपाय से संबंधी मामलों की जांच और निगरानी करने का अधिकार भी होगा। इन सबके अलावा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पिछड़े वर्गों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में भाग लेगा. साथ ही उन्हें सलाह भी देगा।

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