'लो अर्थ ऑर्बिट' (Low Earth Orbit) यानि पृथ्वी की निचली कक्षा पृथ्वी के सबसे नजदीक ऑर्बिट (कक्षा) है। यह पृथ्वी की सतह से 160 किलोमीटर (99 मील) और 2,000 किलोमीटर (1,200 मील) के बीच ऊंचाई पर स्थित है। जानिये, अभी क्यों चर्चित है यह लो अर्थ ऑर्बिट?
भारत ने पृथ्वी की सतह से 300 किलोमीटर दूर एक सजीव सैटेलाइट को गिराया है। भारत अंतरिक्ष में ये उपलब्धि हासिल कर अमेरिका, चीन और रूस के बाद ऐसा करने वाला चौथा बड़ा देश बन गया है।
बता दें कि लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी की सतह से सबसे नजदीक है। लो अर्थ ऑर्बिट के बाद मिडियन अर्थ ऑर्बिट, Geosynchronous ऑर्बिट और उसके बाद हाई अर्थ ऑर्बिट है। हाई अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी की सतह से 35,786 किलोमीटर पर स्थित है।
सनद रहे कि वर्ष 2022 में जो भारत की ओर से जो तीन भारतीय अंतरिक्ष भेजे जाएंगे, वो भी इस लो अर्थ ऑर्बिट में रहेंगे। इस प्रोजेक्ट को लेकर इसरो ने कहा था कि सिर्फ 16 मिनट में तीन भारतीयों को श्रीहरिकोटा से स्पेस में पहुंचा दिया जाएगा और तीनों भारतीय स्पेस के 'लो अर्थ ऑर्बिट' में 6 से 7 दिन बिताएंगे।
वहीं हाल ही में कुछ सैटेलाइट इस कक्षा में भेजे गए थे। निचली कक्षा से जमीन की दूरी कम होने की वजह से कनेक्शन काफी बेहतर होता है। कई सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट की स्पीड में इजाफा करने का प्रयास भी किया गया है। हालांकि, किसी भी सैटेलाइट का निचली कक्षा में बने रहना काफी मुश्किल होता है।
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