गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन

गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को निधन हो गया है। चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे 63 वर्षीय पर्रिकर लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। पर्रिकर अपने पीछे दो बेटे छोड़ गए हैं। कैंसर से गंभीर तौर पर जूझने के बावजूद वह बीते कई महीनों से मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे थे। मनोहर पर्रिकर आईआईटी से पढ़े थे और देश के पढ़े-लिखे और सादगी से जीवन जीने वाले नेता के तौर पर उनकी खास पहचान थी।

मनोहर पर्रिकर का शिक्षा और पारिवारिक जीवन
मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा मारगाव में हुई। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वो बॉम्बे चले गए। आईआईटी बॉम्बे से उन्होंने 1978 में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा उन्हें मराठी भाषा भी आती थी। गोवा के मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिन बाद ही उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था। मेधा पर्रिकर के साथ उनकी शादी 1981 में हुई थी। पर्रिकर के दो बच्चे हैं। जिनका नाम उत्पल पर्रिकर और अभिजीत पर्रिकर है। पर्रिकर के दोनों बच्चे राजनीतिक जीवन में नहीं है। उत्पल बतौर इंजीनियर काम कर रहे हैं। जबकि अभीजीत का खुद का व्यापार है।

पर्रिकर का राजनीतिक सफर
मनोहर पर्रिकर अपने स्कूल के दिनो से ही आरएसएस से जुड़े थे। स्कूली शिक्षा के वक्त से ही उन्होंने आरएसएस की युवा शाखा के लिए भी काम शुरू कर दिया था। मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक सफर 1994 में शुरू हुआ। वो गोवा के पण्जी सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 24 अक्टूबर 2000 को पहली बार मुख्यमंत्री बने। 27 फरवरी 2002 तक कार्यभार संभाला। इसके बाद जून 2002 में वो दोबारा राज्‍य के लिए मुख्‍यमंत्री चुने गए। 29 जनवरी को पर्रिकर की अल्पमत की सरकार चली गई। 2014 में गोवा में बीजेपी की सरकार बनी और मनोहर पर्रिकर ने फिर सूबे के सीएम की कुर्सी संभाली।

2014 में मोदी लहर में बेजेपी ने देश में प्रचंड जीत दर्ज की। केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी। इसके बाद केंद्र ने पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाने का फैसला किया। पर्रिकर को गोवा के सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी और उन्होंने देश के रक्षा मंत्री का पद संभाला। 2017 में फिर गोवा में बीजेपी की सरकार बनी। गोवा के बीजेपी विधायकों ने मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया। जिसके चलते उन्हें फिर से गोवा का सीएम बना दिया गया। उन्हें रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

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