अंतरिम बजट क्या होता है | Interim Budget in Hindi

What is Interim Budget in Hindi

अंतरिम बजट क्या होता है - What is Interim Budget in Hindi :
पूर्ण बजट में अगले वित्त वर्ष यानि एक अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक की अवधि की वित्तीय योजना होती है। इसमें विगत का लेखा जोखा देते हुए आगत की तैयारी का इंतजाम होता है। संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार सरकार को हर साल फरवरी में अगले वित्त वर्ष के अनुमानित खर्चे ओर आमदनी का ब्योरा संसद में रखना पड़ता है। इस बजट की ​तैयारी नवंबर माह से ही शुरू हो जाती है। बजट में आमतौर पर तीन चीजें होती हैं। पहला पिछले वित्त वर्ष के अंतिम आंकड़े, दूसरा चालू वित्त वर्ष के संशोधित आंकड़े और तीसरा अगले वित्त वर्ष के प्रस्तावित अनुमान। बजट की तैयारी के काम में केन्द्रीय वित्त मंत्री के अलावा वित्त सचिव, राजस्व सचिव (व्यय), सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ साथ राजस्व विभाग का टैक्स रिसर्च यूनिट (टीआरयू) खास तौर पर जुड़ा रहता है।

वही अं​तरिम बजट (Interim Budget) में केवल दो स्थितियों में ही पेश किया जाता है। पहला यह कि सरकार के पास पूर्ण बजट पेश करने का समय नहीं हो और दूसरा कि तुरंत लोकसभा चुनाव होने वाला हो। दोनों ही स्थितियों में सरकार नए वित्त वर्ष के बचे हुए महीने के लिए खर्च की अनुमति संसद से लेती है। अंतरिम बजट की परंपरा है कि इसमें डायरेक्ट टैक्स, जिसमें इनकम टैक्स शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता। इनडायरेक्ट टैक्सों में भी कम ही बदलाव किया जाता है।

उदाहरण के तौर पर पिछले वर्ष 2018 में मोदी सरकार ने 2018-19 का बजट पेश किया था उसके जरिये सिर्फ 31 मार्च 2019 तक होने वाले खर्च की अनुमति ली गई। चूंकि चुनाव अप्रैल-मई में होना तय है और नई सरकार के बनने और नया बजट पेश होते होते जुलाई आ जाएगा। तो अप्रैल से जुलाई यानी 4 महीने में जो खर्च होने हैं उसकी अनुमति इस बार के अंतरिम बजट से ली गई। यह अबतक का 15वां अंतरिम बजट होगा।

अंतरिम बजट और आम बजट में अंतर (Diference Between Interim Budget and Full Budget)
– आम बजट पूरे वित्तीय वर्ष के राजस्व का लेखा जोखा होता है तो वही अंतरिम बजट एक सीमित अवधि के लिए पेश होता है।
– आम बजट पूरे साल के लिए 1 फरवरी को पेश होता है जबकि अंतरिम बजट केवल चुनावी वर्ष में ही पेश होता है वो भी केवल सीमित अवधि तक
– आम बजट का आर्थिक सर्वेक्षण होता है जबकि अंतरिम बजट पेश होने के बाद कोई आर्थिक सर्वेक्षण नहीं होता।
– आम बजट में बड़े खर्चों को शामिल किया जाता है जबकि अंतरिम बजट में बड़े खर्च का प्रावधान नहीं है।

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