छंद की परिभाषा और इससे संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Chhand in Hindi

छंद (Meters)
शब्द संस्कृत के छिदि धातु से बना है जिसका अर्थ होता है ढँकना, आच्छादित करना। सबसे पहले छंद की चर्चा ऋग्वेद में आई है। छान्दोग्य उपनिषद में कहा गया है कि देवताओं ने मृत्यु-भय से अपने अर्थात् अपनी कृतियों को, छंद में ढँक लिया। शास्त्रीय कथन यह भी है कि कलाकार (साहित्यकार) और कलाकृति को छंद अकाल मृत्यु से बचा लेता है। अत: कहा जा सकता है कि छन्द वह सुन्दर आवरण है जो कविता-कामिनी के शरीर को ढँककर उसके सौन्दर्य में वृद्धि करता है।


छंद की परिभाषा – जिन रचनाओं में वर्ण, मात्रा यति, गति, तुक आदि पर बल दिया जाता है, वे छंद कहलाते हैं। अक्षरों की संख्या एवं क्रम मात्रा, गणना तथा यति-गति से संबंध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना छंद कहलाती है।

छंद से संबंधित पूछे गए प्रश्न और उत्तर–
1. छप्पय किस प्रकार का छंद है? (मलेरिया इंस्पेक्टर परीक्षा, 2015)
(A) सम (B) विषम
(C) अर्द्धसम (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (B) छप्पय विषम मात्रिक छंद है। यह रोला एवं उल्लाला नामक दो छंदों को मिलाकर बनता है। इसमें छ: चरण होते है। पहले चार चरण रोला छंद के तथा अन्तिम दो चरण उल्लाला छंद के होते है।

2. किस छंद का प्रथम व अंतिम शब्द एक-सा होता है?
(A) कुंडलिया (B) रोला
(C) दोहा (D) सोरठा
 
उत्तर : (A) कुंडलिया छंद का प्रथम व अंतिम शब्द एक सा होता है। इसमें कुल 6 चरण होते है। जिसमें दो चरण दोहा के और शेष चार चरण रोला के होते है। रोला छंद के चार चरण होते है। प्रत्येक चरण में 11-13 के विराम से 24 मात्राएं होती है। दोहा छन्द अर्द्धसमात्रिक छंद है इसके प्रथम, तीसरे चरण में 13-13 मात्राएं तथा दूसरे, चौथे चरण में 11-11 मात्राएं होती है। सोरठा छंद दोहे का उल्टा होता है। इसके प्रथम तीसरे चरण में 11-11 तथा दूसरे, चौथे चरण में 13-13 मात्राएं होती है।

3. कौन-सा छंद प्रकार नहीं है? (कनिष्ठ सहायक परीक्षा, 2016)
(A) दृष्टांत (B) चौपाई
(C) दोहा (D) सोरठा
 
उत्तर : (A) दृष्टांत छंद का प्रकार नहीं है। चौपाई, दोहा, सोरठा, उल्लाला, कुडंलिया, छप्पय, अहीर, रोला, आल्हा, हरिगीतिका, बरवै इत्यादि छंद के प्रकार हैं।

4. छंद पढ़ते समय आने वाले विराम को क्या कहते हैं? (ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2016)
(A) गति (B) यति
(C) तुक (D) गण

उत्तर : (B) छंद में नियमित वर्ण या मात्रा पर साँस लेने के लिए रूकना पड़ता है, इसी रूकने के स्थान को 'यति' कहा जाता है छोटे छंदों में एक ही चरण में एक से अधिक 'यति' या 'विराम' होते है।

5. 'मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवहु सो दशरथ अजिर बिहारी।' इनमें किस छंद का प्रयोग हुआ है?
(A) सोरठा (B) चौपाई
(C) दोहा (D) सवैया

उत्तर : (B) चौपाई छंद के प्रत्येक चरण में सोलह मात्रायें होती हैं और चरण के अंत में गुरु-लघु होता है, इसे जयकारा छंद के नाम से भी जाना जाता है, समसामयिक छंद है।

6. छंद से सम्बन्धित गणों की सही संख्या है? (आबकारी सिपाही परीक्षा, 2016)
(A) छ: (B) सात
(C) आठ  (D) दस

उत्तर : (C) छंद से संबंधित गणों की संख्या आठ है। तीन वर्णों का एक गण होता है। यगण, मगण, तगण, रमण, जगण, भगण, नगण, सगण। (सूत्र - यमाताराजभानसलगा)

7. सम मांत्रिक छंद का कौन-सा उदाहरण है? (जूनियर इंजीनियर/तकनीकी परीक्षा, 2016)
(A) दोहा (B) सोरठा
(C) चौपाई (D) सभी
 
उत्तर : (C) 'चौपाई' एक सम मांत्रिक छंद है, जबकि 'दोहा' और 'सोरठा' अर्द्ध सममांत्रिक छंदों है। जिन छंदों के सभी चरण समान होते हैं वे सम मांत्रिक छंद कहलाते हैं जैसे – चौपाई, रोला, हरिगीतिका तथ जिन छंदों के कुछ चरण (दूसरा तथा चौथा) कुछ उनसे भिन्न होते हैं, पर आपस में समान होते हैं। वे अर्द्ध सममांत्रिक छंद कहलाते हैं जैसे – दोहा, सोरठा तथा उल्लाला।

8. जिस छंद में चार चरण और प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती है वह कहलाता है? (ग्राम पंचायत अधिकारी परीक्षा, 2015)
(A) दोहा (B) सोरठा
(C) रोला (D) चौपाई

उत्तर : (D) चौपाई एक सम मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण तथा प्रत्येक चरण में 16 मात्राएं होती है। चरण के अन्त में दीर्घ (गुरु) के बाद हस्व (लघु) वर्ण आना वर्णित है।
उदारहण –
गुरु पद राज मृदु मंजुल अंजन। नयन अमिउ दृगदोष विभंजन।।
तेहिं करि विमल विवेक विमोचन। बरनऊँ रामचरित भवमोचन।




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