टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार 2014, 2015 व 2016

प्रश्न : टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार किसे प्रदान किया गया?
(a) राम वनजी सुतार
(b) राजकुमार सिंहाजित सिंह
(c) छायानट
(d) उपयुक्त सभी
उत्तर-(d)


टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कार (2014, 2015 व 2016) – पाँच वर्ष के अंतराल के पश्चात् केन्द्र सरकार के (वर्ष 2014, 2015 व 2016 के लिए) टैगोर सांस्कृतिक समरसता पुरस्कारों (Tagore Awards for Culture Harmony) की घोषणा अक्टूबर 2018 में की गई, वर्ष 2014 के लिए यह पुरस्कार मणिपुरी नृत्य के पुरोधा राजकुमार सिंहाजित सिंह को तथा 2016 के लिए यह देश के महान मूर्तिकार राम वनजी सुतार को दिया गया है, वर्ष 2015 के पुरस्कार हेतु बांग्लादेश के सांस्कृतिक संगठन छायानट (Chhayanaut) को चुना गया है, पुरस्कार हेतु उनका चयन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले निर्णायक मण्डल की 24 अक्टूबर, 2018 को सम्पन्न बैइक में किया गया भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई भी निर्णायक मण्डल में शामिल थे।

वर्ष 2014 के पुरस्कार के लिए चुने गए राजकुमार सिं​हजित सिंह (Raj Kumar Singhjit Singh) ने कुशल नृत्यकार के रूप में मणिपुरी नृत्य के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान जहाँ दिया है, वहीं मूर्तिकार राम वनजी सुतसर ने अनेक ख्याति प्राप्त हस्तियों की महत्वपूर्ण मूर्तियों का निर्माण किया है, इनमें मध्य प्रदेश में गंगासागर बाँध पर चम्बल देवी की विशाल मूर्तिं, अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्तिं, गांधी नगर गुजरात में महात्मा गांधी की मूर्ति, संसद भवन में सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति व जम्मू में भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति शामिल हैं, गुजरात में स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल मूर्तिं, जो विश्व में सबसे ऊँची मूर्तिं हैं, भी उनके कुशल नेतृत्व में स्थापित की गई है, उन्हें 1999 में पद्श्री से व 2016 के पद्मम भूषण से सम्मानित किया जा चुका है, राजकुमार सिंहजित सिंह भी संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1984) व पद्श्री (1986) सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं, रवीन्द्रनाथ टैगोर के 150वें जयंती वर्ष में की थी तथा 2012 में यह पहला पुरस्कार भारतीय मूल के संगीतकार जुबीन मेहता को प्रदान किया गया था, पाँच वर्ष के अन्तराल के पश्चात् अब 2014, 2015 व 2016 के लिए इस पुरस्कार की घोषणा अक्टूबर 2018 में की गई है, इस अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत् प्रशस्ति-पत्र व पारस्परिक दस्तकारी से बने उपहार के साथ रु 1-1 करोड़ की राशि प्रदान की जाती है।

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