कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन बने देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार

मोदी सरकार ने हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस के कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा। कृष्णमूर्ति अरविंद सुब्रमण्यन की जगह अपनी सेवा देंगे। अरविंद सुब्रमण्यन ने जुलाई 2018 में व्यक्तिगत कारणों से इस पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अक्टूबर 2014 में मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार का पद संभाला था। अरविंद सुब्रमण्यन ने रघुराम राजन की जगह ली थी। इस दौरान रघुराम राजन आरबीआई गवर्नर बने थे। अरविंद सुब्रमण्यम ने का कार्यकाल मई 2019 तक था।

फिलहाल कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस में फाइनैंस के असोसिएट प्रफेसर और सेंटर फॉर एनालिटिकल फाइनैंस के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर हैं। सुब्रमण्यन शिकागो बूथ से पीएचडी हैं और आईआईटी और आईआईएम के छात्र भी रह चुके हैं। सुब्रमण्यन की गिनती दुनिया के उच्च कोटि के बैंकिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और इकनॉमिक पॉलिसी एक्सपर्ट में होती है। एकेडमिक करियर की शुरुआत से पहले सुब्रमण्यन न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन चेज के साथ कंसल्टेंट के तौर पर काम कर चुके हैं।

पूर्व में सेबी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस की एक्सपर्ट कमिटी और आरबीआई के लिए बैंकों के गवर्नेंस का काम करने वाली कमिटी का हिस्सा होने के साथ कॉर्पोरेट गवर्नेंस और भारत में बैंकिंग रिफॉर्म्स के लिए उन्हें जाना जाता है। इन सब क्षेत्रों में उनकी सेवाओं के कारण उन्हें इस पद के लिए चुना गया है। सुब्रमण्यन वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, माध्यमिक बाजार और रिसर्च पर बनी सेबी की कमिटी का भी हिस्सा रहे हैं।



अकैडमिक करियर की शुरुआत से पहले सुब्रमण्यन न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन चेज के साथ कंसल्टेंट के तौर पर काम कर चुके हैं। वह आईसीआईसीआई के एलाइट डेरिवेटिव्स ग्रुप में मैनेजमेंट रोल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 

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