500 अनेकार्थी शब्द के उदाहरण सूची – Anekarthi Shabd

हिन्दी भाषा में बहुत से ऐसे शब्द है जिसके एक से अधिक अर्थ (Words with Various Meanings) होते है, ऐसे सभी शब्दों को अनेकार्थी शब्द कहते हैं। अनेकार्थी का अर्थ है – एक से अधिक अर्थ देने वाला। दूसरे शब्दों में अलग–अलग अर्थ में अनेकार्थी शब्द का प्रयोग करने पर दूसरा अर्थ आ जाता है। जैसे – कनक शब्द सोना, धतूरा, गेंहू के अर्थ में प्रयोग होता है।

500 अनेकार्थी शब्द के उदाहरण सूची निम्न है–
अंबर – बादल, वस्त्र, कपास, अभ्रक, आकाश।
अंक – अध्याय, चिन्ह, गोद, संस्करण, आलिंगन।
अन्तर – अन्तःकरण, अवसर, भिन्नता, छिद्र, आकाश, अवधि।
अंग – अंश, देह, पार्श्व, सहायक, अवयव।
अंबक – पिता, आँख, ताँबा।
अंब – माता, दुर्गा, आम का वृक्ष।
अर्य – अभिप्राय, धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन।
अधर – तुच्छ, ओठ, अन्तरिक्ष।
अतिथि – अपरिचित, मेहमान, अग्नि, संन्यासी।
अमृत – सेना, अन्न, जल, मुक्ति, मृत्युरहित, सुधा, पारा, घी।
अब्ज – कपूर, कमल, अरब की संख्या, चन्द्रमा।
अक्ष – आँख, सर्प, तराजू की डण्डी, गाड़ी, चौसर का पासा, इन्द्रिय, धुरी।
अहि – पृथ्वी, साँप, दुष्ट, सूर्य, राहु, वृत्रासुर।
अरब – सौ करोड़, इन्द्र, घोड़ा।
अनंत – शेषनाग, आकाश, विष्णु, असीम।
अवि – मेष, बकरी, सूर्य, पहाड़, पर्वत, आक।
अपवाद – किसी नियम के विपरीत, कलंक।
अजया – बकरी, भाँग।
अक्षर – नाशरहित, जल, वर्ण, मोक्ष, धर्म, सत्य, विष्णु, गगन, तपस्या, शिव।
अशिर – सूर्य, हीरा, राक्षस, अग्नि।
अल – बिच्छू का डंक, शक्ति, विष, भूषण, निरर्थक।
आँख – नेत्र, मोरपंख, दृष्टि, सन्तान, विधेक।
आँक – अंश, मदार, गोद, अंक, लकीर, चिन्ह।
आराम – विश्राम, रोग दूर होना, वाटिका।
आत्मज – कामदेव, पुत्र।
आसुग – मन, वायु, बाण।
आदित्य – वामन, सूर्य, मदार, इन्द्र, बसु, देवता।
अलि – भ्रमरी, बाँध, सखी, सेतु, पंक्ति, बिच्छू।
उरु – श्रेष्ठ, विशाल, जाँघ।
उत्तर – जवाब, उत्तर दिशा।
उरगाशन – मोर, गरुड़।
उपस्कर – फर्नीचर, अलंकार।
ऊर्मि – पीड़ा, लहर।
ऋभुक्ष – स्वर्ग, वज्र, इन्द्र।
ऐन – उपयुक्त, कस्तूरी, पूर्ण, घर, आँख।
ओस – गोद, धरोहर, जिमीकंद, बहाना, गीला, शरण।
कंठ – किनार, स्वर, गला, कंठा।
कंपति – भयभीत, चंचल, समुद्र।
कंज – अमृत, कमल, सिर के बाल, ब्रह्मा।
कंदल – सोना, कलह, कोपल।
कंट – रोमांच, काँटा, कवच, विघ्न।
कर – सूर्य या चन्द्र की किरण, ओला, हाथी की सूँड, महसूल, हाथ, छल।

कनक – गेहूँ, धतूरा, सोना, नागकेसर, पलास, खजूर।
कलि – शिव, युद्ध, एक, दुःख, वीर, विवाद, युग, पाप।
कक्ष – श्रेणी, कमरा, सूखी घास, कांख, कमरबन्द, जंगल, काँस, कंछोटा।
कशिपु – कपड़ा, तकिया, अन्न, प्रहलाद के पिता, आसन, बिछौना, भात।
खर – तीक्ष्ण, तिनका, गधा।
खचर – पक्षी, ग्रह, देवता।
गण – मनुष्य, तीन वर्णों का समूह (छन्द शास्त्र), भूत-प्रेत।
गति – हाल, चाल, मोक्ष, दशा।
ग्रहण – चन्द्र या सूर्य ग्रहण, लेना, पकड़ा।
गुण – विशेषता, स्वभाव, रस्सी, सत तथा तमोगुण, कौशल, लक्षण, हुनर, रज, प्रभाव।
गुरु – अध्यापक, छन्द में दीर्घ वर्ण, बृहस्पति, भारी, श्रेष्ठ, बड़ा।
गुह – विष्णु, घोड़ा, निषादराज, गुफा।
गौ – गाय, माता, वाणी, सरस्वती, दिशा, पृथ्वी, इन्द्रियाँ।
घर – कार्यालय, कुल, मकान।
घन – हथौड़ा, घना, बादल, भारी।
घट – शरीर, हृदय, घड़ा, कम।
चर – जासूस, चलने वाला, खंजन, दूत, पक्षी।
चला – लक्ष्मी, पृथ्वी, बिजली।
चपला – चंचल स्त्री, लक्ष्मी, बिजली।
चन्द्र – मोरपंख की चन्द्रिका, चन्द्रमा, कपूर, सोना।
चाप – परिधि का एक भाग, दबाव, धनुष।
चीर – पट्टी, वस्त्र, चीरना, रेखा।
जलज – मछली, कमल, शंख, सिवार, मोती, चन्द्रमा।
जड़ – मूर्ख, अचेतन, वृक्ष का मूल।
जवान – युवा, योद्धा, सैनिक, वीर।
जीवन – प्राण, पुत्र, जल, जिन्दगी, वायु।
जोड़ – योग, मेल, गाँठ।
तप – धूप, गर्मी, अग्नि, साधना।
तरणि – नौका, सूर्य।
तत्व – मूल यथार्थ, सार, ब्रह्म, पंचभूत।
तनु – छोटा देह, ड्डश।
तारा – नक्षत्र, बलि की स्त्री, बृहस्पति की स्त्री, आँखों की पुतली।
तात – गुरु, पिता, पूज्य, भाई, मित्र।
ताल – ताड़ का वृक्ष, संगीत का संकेत विशेष, तालाब।
तीर – समीप, नदी का तट, बाण, किनारा।
दर्शन – नेत्र, दर्पण, देखना, दर्शनशास्त्र।
दण्ड – डण्डा, सजा।
दहर – नरक, छोटा, भाई, छछूँदर, बालक, कुंड, चूहा।
दल – पत्ता, समूह, सेना।
दाम – धन, मूल्य, रस्सी।
दार – सूली, लड़की, पत्नी, दाल।
नीरज – मोती, कमल।
पत्र – समाचार-पत्र, पत्ता, पृष्ठ, चिट्ठी।
पयोधर – तालाब, स्तन, गन्ना, बादल, पर्वत।
पक्ष – दो सप्ताह, तरफ, पङ्ख, सहायक।
पेय – दूध, जल, अमृत।
पतंग – नाव, सूर्य, चंग, गेंद, पक्षी, पतंगा।
परिकार – समूह, एक अलंकार, कमरबन्द, चारपाई, परिवार, नौकर-चाकर।
पद – शब्द, छन्द का चरण, पैर, चिन्ह, ओहदा, गीत।
पट – द्वार, पर्दा, कपड़ा, चित्र का आधार।
प्र​कृति – मूलावस्था, स्वभाव, कुदरत।
प्रसाद – हर्ष, ड्डपा, नैवेद्य, अनुग्रह।
पथ – वायु, सूर्य, जल, अवकाश, मार्ग, अग्नि।
पाटी – चारपाई की पट्टी, तख्ती, पंक्ति, बालों की पाटियाँ, रीति।
पालि – मेड़, बारी, सीमा, सेना, गोद, किनारा, पंक्ति।
पानी – चमक, सम्मान, जल, लज्जा।
पिंजर – सोना, पिंजड़ा, पीला, अस्थिपंजर।
पिंगल – अग्नि, पीला, एक पक्षी, बन्दर, छन्द, शास्त्र।

पुष्कर – आकाश, कमल, पानी, सूर्य, युद्ध, तालाब, शंकर, साँप, बाण, विष्णु।
पूर्व – चारों दिशाओं में से एक दिशा का नाम, पहले।
फल – शस्त्र का अग्रभाग, परिणाम, मेवा, लाभ।
बलि – उपहार, बलिदान, राजा बलि।
बारी – उद्यान, एक जाति, कन्या, घर, छोटी अवस्था, क्रमशः।
बाल – केश, बालक, बाला, दानेयुक्त डण्ठल।
बिम्ब – चन्द्र मण्डल, सूर्य, छाया, बाँबी, घेरा।
भव – शंकर, क्षेत्र, उत्पत्ति, कुशल, संसार, जन्म।
भाव – मनोविकार, अभिप्राय, दर, विचार, श्रद्धा।
भास्कर – शिव, सूरज, सोना, अग्नि।
भुवन – चौदह की संख्या, जल, संसार, लोग।
भेद – फूट, रहस्य, तात्पर्य, प्रकार, भिन्नता।
भोग – नैवेद्य, प्रारब्ध, सुख-दुःख, खाना।
मंगल – सुन्दर, सोना, चन्दन।
मंथर – रोक, मथानी, मन्द, दूत।
मत – वोट, सम्मति, नहीं, धर्म।
मद – कस्तूरी, गर्व, मस्ती, नशा, हाथी के मस्तक का स्राव।
मधु – चैतमास, बसन्त, शराब, पराग, शहद, ऋतु।
माधव – श्रीड्डष्ण, विष्णु, बसन्त ऋतु, बैसाख महीना।
रंभा – वैश्या, केला, एक अप्सरा।
रस – औषधि का अर्क, सार, जल, आनन्द, स्वाद, साहित्य से उत्पन्न आनन्द, षट्रस, नवरस।
रसा – शोरबा, पृथ्वी, जीभ।
रक्त – केसर, खून, लाल।
रसाल – मीठा, ईख, रसीला, आम।
रुक्ष – पेड़, नीरस।
राशि – धन, मेघ, समूह राशियाँ (मेष, वृश्चिक, मिथुन, कुम्भ, कर्क आदि)।
राग – प्रेम, रंग, लाल, संगीत की ध्वनि।
लक्ष्य – निशाना, उद्देश्य।
लय – स्वरों की संगीतात्मकता, डूबना, मिलना।
लगना – काम में लगे होना, क्रमसे लगना, चोट पहुँचाना, व्यय होना।
लाल – पुत्र, एक रंग, माणिक्य, प्यार का सम्बोधन।
वंग – कपास, राँगा।
वन – वाटिका, पानी, जंगल, भवन।
वर – वरदान, दूल्हा, जामाता, श्रेष्ठ, पति।
वज्र – कठिन, हीरा, बिजली।
वर्ण – भेद, अक्षर, रंग, चतुर्वर्ण्य, रूप।
वनराज – वरुण, सिंह।
वृति – पेशा, रोजी, स्वभाव, वजीफा।
वृत – चरित्र, हाल, गोला, घेरा।
वास – गंध, निवास।
वार – द्वारा, आक्रमण, दिन, रोक, अवसर।
विज्ञ – बुद्धिमान, परिज्ञाता, ज्ञानी, मुनि, विद्वान्।
विधि – कानून, नियम, व्यवस्था, युक्ति, भाँति, ब्रह्मा, भाग्य।
विषय – सम्पत्ति, भोग-विलास, देश, मजमून, जिसके बारे में कुछ कहा जाए।
विहंग – वायु, देवता, पक्षी, विमान, तारा-गण, बादल, चन्द्रमा, वाण, सूर्य।
विषम – कठिन, तीव्र, जो सम न हो, एक अर्थालंकार, भयंकर।
शरभ – एक मृग, ऊँट, टिड्डी।
शर – सरकंडा, बाण।
श्यामा – काले रंग की गाय, कोयल, यमुना नदी, स्त्री, राधा, रात।
शिखी – पवर्त, अग्नि, मोर।
शिव – तीर्थ, शंकर, मंगल, वेद, सदाव्रत, बाँटने का स्थान, खेत।
श्री – सम्पत्ति, शोभ, आदरसूचक, शब्द, लक्ष्मी, धन-वैभव, कान्ति, सरस्वती।
श्रुति – सुनी हुई बात, कान, वेद, सुनना।
सर – तालाब, चिता, बाण।
सरि – माला, समता, नदी।
सार – जुआ, रस, तत्त्व, पत्नी का भाई, लोहा, उत्तम, तलवार, रक्षा, लाभ, निष्कर्ष, धैर्य, बल।
सांरग – सर्प, कमल, फूल, शोभ, मृग, सूर्य, पानी, धनुष, हंस, केश, वस्त्र, स्त्री, बाण, सोना, कपूर,
एक राग, कोयल, मोर, काजल, हाथी, दिन, चन्दन।
सीता – जनकसुता, हल का फाल।
सुधा – पृथ्वी गंगा, दूध, पुष्परस, जल, अर्क, अमृत, मधु।
सुवर्ण – अच्छे वर्ण का, सोना।
सुरभि – सुगन्धित, बसन्त ऋतु, पृथ्वी, सुन्दर, गौ।
सूर – वी, अन्धा, सूर्य, सूरदास।
सूत – पौराणिक, बढ़ई, धागा, सारथी।
हंस – श्वेत, घोड़ा, मराल, योगी, परमात्मा, सूर्य।
हल – खेत जोतने का यन्त्र, समाधान।
हरि – सिंह, सूर्य, पति, विष्णु, यम, सर्प, बन्दर, चन्द्र, घोड़ा, कृष्ण।