Electronics Questions Answers for RRB Loco Pilot, ITI & Interview

Basic Electronics Questions and Answers in Hindi – हम यहां इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक प्रश्न और उत्तर से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नो को लेकर आए है, जो ज्यादातर परीक्षा मे पूछा जाता है, इन प्रश्नो को ध्यान से समझ ले जिससे किसी भी परीक्षा मे अगर यह प्रश्न पूछे जाए तो निश्चिन्त होकर आप उनका उत्तर दे सके। आप जानते होगें कि इलेक्ट्रॉनिकी वह क्षेत्र है जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों (प्रतिरोध, संधारित्र, इन्डक्टर, इलेक्ट्रॉन ट्यूब, डायोड, ट्रान्जिस्टर, एकीकृत परिपथ (IC) आदि) का प्रयोग करके उपयुक्त विद्युत परिपथ का निर्माण करने एवं उनके द्वारा विद्युत संकेतों को वांछित तरीके से बदलने (manipulation) से संबंधित है। इसमें तरह-तरह की युक्तियों का अध्ययन, उनमें सुधार तथा नयी युक्तियों का निर्माण आदि भी शामिल है। RRB Loco Pilot, ITI आदि परीक्षाओं के साथ ही Interview के लिए उपयोगी यह प्रश्न श्रंखला अवश्य पढ़ ले।


• जब मल्टीमीटर के द्वारा खुले हुए रेजिस्टेन्स का मान बढ़ते हैं, तो उसका मान क्या होता है? – अनन्त
• दो रेजिस्टेन्स 2000 ओम 1 वाट पैरेलल में जोड़े गए हैं, इस प्रकार जोड़े रेजिस्टेन्स का मान और वोल्टेज क्या होगा? – 1000Ω2
• आयरन और स्टील कैसा पदार्थ है? – फैरोमैग्नेटिक
• रेडियो रिसीवर की इण्टरमीडिएट फ्रिक्वेन्सी है– 455 KHz
• सर्किट जिसके द्वारा सूचना रेडियो सिगनल पर लागू की जाती है, उसको क्या कहते हैं? – मोडुलेटर
• 1 Khz का सिगनल सुपर हैड रिसीवर को कौन-से स्टेज जांच करने के काम आती है? – ऑडियो स्टेज
• किसमें फाइडेलिटि बहुत अच्छी, डिस्टोरेशन कम तथा पॉवर आउटपुट निम्न होता है? – क्लास
• सामान्यत: एक RF ओसीलेटर है– R.C. ओसीलेटर
• इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट जिसमें ट्रांजिस्टर डायोड्स, कै​पेसिटर, रैजिस्टर्स इत्यादि अलग-अलग लगे हों, वह कहलाता है– एक डिस्क्रीट सर्किट
• इण्टेग्रेटेड सर्किट को पहचानने का कौन-सा एकमात्र तरीका है? – इसके स्केमेटिक (Schematic) चित्र को चैक करके
• किस प्रकार के कॉन्फीगरेशन में सबसे कम इनपुट इम्पीडैन्स देता है? – कॉमन वेस
• एमीटर फालोअर का इनपुट होता है– अधिक
• एमीटर फालोअर का आउटपुट होता है– बहुत कम
• टी.वी. ट्रान्समिशन में पिक्चर तथा साउण्ट क्रमानुसार मोडु​लेटिड है– एम्लीच्यूड, फ्रीक्वेन्सी
• सिलिकॉन डायोड की फॉरवार्ड वाईस वोल्टेज होती है– 0.6 V
• चल कुण्डली गैल्वेनोमीटर के विक्षेप के मान ज्ञात किये जाते हैं। – लैम्प स्केल व्यवस्था द्वारा
• एम्प्लीफायर्स के क्लास B ऑपरेशन में करंट बहता है– इनपुट साइकल के आधे में
• यदि फीड बैक वोल्टेज सिंगनल के 180° आउट ऑफ फेज हैं, तो फीड बैंक कहलाती है– नेगेटिव
• पोजिटिव फीड-बैक बढ़ाता है– एम्प्लीफायर का गेन
• रेडियो रिसीवर की स्वचालित ध्वनि प्रबलता नियंत्रण (A.V.C.) प्रणाली में प्रयुक्त होता है– ऋणात्मक फीडबैक



• अभिग्राहित्र में प्रयुक्त LC ट्यून्ड परिपथ का क्या कार्य है? – वांछित रेडियो आवृत्ति की ट्यूनिंग
• यदि पूर्ण MW बैण्ड पर केवल एक स्टेशन ही सुनाई देता है, तो दोष उपस्थित है– दोलित्र खण्ड में
• एन्टेना की ऊंचाई में घटाव करने से विकिरण कोण– घटता है
• एन्टेना एरे (Antenna-array) होता है– अर्द्ध-तरंग एन्टेनाज का एक समूह
• प्रतिघात अधिमिश्रक (reactance modulator) का उपयोग किया जाता है– FM प्रेषित में
• किस प्रकार के अग्निशामक विद्युत परिपथ में आग लगने पर प्रयोग करते हैं– सी.टी.सी. (कार्बन टेट्रा-क्लोराइड)
• ट्रांजिस्टर के बेस रैजिन– कम मात्रा में मिला होता है
• आवेशित कणों की गति कहलाती है– धारा
• LED की अपेक्षा अग्रिम धारा का मान होता है – 10 mA से 50 mA
• ट्रांजिस्टर के चिन्ह में तीर का निशान दिशा को दर्शाता है– एमीटर में इलेक्ट्रॉन करंट
• 'N' प्रकार का अर्द्धचालक होता है– 'मुक्त इलेक्ट्रॉन्स' की बहुलता वाला
• 'UJT' होता है, एक– धारा नियंत्रण युक्ति
• आल्टरनेटिंग करंट के द्वारा वोल्टेज को पैदा किया जाता है, क्योंकि– मैगनेटिक फील्ड को बढ़ाता है
• रेजिस्टेन्स का अनुपात बढ़ता है– चालक के पदार्थ पर
• फेडिंग किन कारणों से होता है? – ट्रान्समिशन माध्यम से परिवर्तन के कारण रेशो फील्ड वेग में परिवर्तन के कारण
• यदि ट्रान्सफॉर्मर की डी.सी. स्त्रोत के साथ जोड़ा जाए तो क्या होगा? – अधिक मात्रा में करंट देने से प्राइमरी जल जायेगी और कोई e.m.f. सेकण्डरी से पैदा नहीं होगा
• डायोडा का उपयोग होता है– रेक्टिफायर के रूप में
• पी. टाइप सेमी-कण्डक्टर पदार्थ में माइनॉटिरी कैरियर होते हैं– फ्री इलेक्ट्रॉन्स
• जर्मेनियम डायोड में फॉरवर्ड वाइस वोल्टेज होती है– 0.3 V
• सिलीकॉन डायोड में नी (knee) वोल्टेज लगभग होती है– 0.7 V
• PNP ट्रांजिस्टर को दो PN संगम डायोड्स के तुल्य समझा जा सकता है, जिनका संयोजन क्रम है– PNNP
• ट्रान्सफार्मर की सेकण्डरी वाइण्डिंग के लिए कौन-सी तार प्रयोग की जाती है? – 37.S.W.G. तार
• C.W. (कैरियर वेब) ट्रान्समीटर से सूचना भेजी जाती है– रेडियो सिगनल के बीच में रूकावट पैदा करके
• सिलेक्टीविटी को अच्छा बनाने के लिए रिसीवर की बैण्ड विड्थ को कौन-से तरीके से घटाया जा सकता है? – अधिक ट्यून सर्किट का प्रयोग करके
• पब्लिक एडरैस यंत्रों के लिए वैफल किस आकार का होता है? – 30 × 20 × 12 इंच
• चुम्बकीय टेप पर संग्रहित कार्यक्रम को मिटाने की सर्वोत्तम तकनीक है– उच्च आवृत्ति ए. सी. वोल्टता प्रयोग करना
• द्विध्रुवी एन्टेना का लाभ (गेन) बढ़ाया जा सकता है– अधिक संख्या में वर्द्धक (booster) जोड़कर
• आई. सी. TBA 920 या CA 920 प्रयुक्त की जाती है– क्षैतिज सोपान में
• डेल्टा-गन पिक्चर-ट्यूब में तीन इलेक्ट्रॉन-गनों को एक-दूसरे से पृथक रखा जाता है– 120° कोण से
• उर्ध्व दोलित्र आवृत्ति को 50Hz रखने का कारण है– यह झिलमिलाइट को घटाती है
• लाउडस्पीकर के बड़े डायोमीटर और भारी कोण को क्या कहते हैं? – वूफर
• परमाणु का भार किस तत्व पर निर्भर करता है? – प्रोटॉन की संख्या
• एक माइक्रो ऐम्पियर की धारा द्वारा एक मीटर दूर स्थित स्केल पर उत्पन्न मिलीमीटर में जितना विक्षेप उत्पन्न होता है, उसे कहते हैं। – धारा सुग्राहिता
• आमीटर को किसी परिपथ के साथ जोड़ा जाता है– श्रेणीक्रम में
• धारा के ऊष्मीय प्रभाव से उत्पन्न ऊष्मा अनुक्रमानुपाती होती है– धारा के वर्ग के
• ऐसी युक्ति जिससे किसी चालक का प्रतिरोध मापा जाता है, वह क्या कहलाता है? – ओममापी
• ऐसी युक्ति जिससे प्रत्यावर्ती धारा/दृष्टि धारा वोल्टता धारा तथा प्र​तिरोध मापा जाता है, वे कहलाते हैं– मल्टीमीटर या एवोमीटर
• ऐसा विद्युतीय यंत्र जिससे किसी परिपथ की विद्युतीय ऊर्जा व्यय मापी जाती है, वह कहलाता है– वाट-घण्टा मीटर
• ऐसा उपकरण जिससे ट्रान्सफार्मर की आवृत्ति मापी जाती है तथा जो अनुनाद के सिद्धान्त पर कार्य करता है, कहलाता है– तरंगमापी
• धातुओं में ऊष्मा या प्रकाश के प्रभाव से जो गुण इलेक्ट्रॉन को उत्सर्जित करता है, वह कहलाता है– इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन
• ट्रायोड वाल्व में अतिरिक्त इलेक्ट्रोड होते हैं– इलेक्ट्रॉन गन
• इण्टर इलेक्ट्रोड धारित दोष को दूर करने के लिए बनाया गया है– टेट्रोड वाल्व
• कैथोड किरण नली का वह भाग जो इलेक्ट्रॉनों का एक महीन बीम उत्पन्न करता है, क्या कहलाता है? – इलेक्ट्रॉन गन
• वाल्व नम्बरिंग में मध्य के F अक्षर का अर्थ होता है– पेण्टोड वाल्व
• वाल्व नम्बरिंग में मध्य के अक्षर का अर्थ होता है– डबल डायोड संसूचन
• प्रकाश विद्युतीय प्रभाव समर्थन करता है– प्रकाश की कण प्रवृत्ति का
• रेडियो न्यूक्लाइड के अपक्षय नियतांक के व्युत्क्रम को कहा जाता है– औसत आयु
• डबल डायोड में होते हैं– दो एनोड
• डबल-डायोड पेण्टोड में होते हैं– एक पेण्टोड
• जिनकी प्रतिरोधकता चालकों तथा विद्युत रोधियों के बीच होता है, वे कहलाते हैं– अर्द्धचालक
• जर्मेनियम तथा सिलिकॉन हैं– अर्द्धचालक
• इण्डियम, बोरोन तथा एल्युमिनियम मिलाये जाने वाला जी-संयोजी अपद्रव्य होता है– ग्राही अपद्रव्य
• ऐसे पदार्थ जिनके वैलेन्स इलेक्ट्रॉनों के अत्यन्त समीप में खाली ऊर्जा तल उपलब्ध नहीं होते हैं, वे कहलाते हैं– अचालक
• उल्टे क्रम में एक-दूसरे से सटे दो P-N संधि को क्या कहते हैं? – ट्रांजिस्टर
• ट्रांजिस्टर का मुख्य कार्य होता है– प्रवर्धन करना
• धातुओं में मुक्त (Free) इलेक्ट्रॉनों के कारण ऊर्जा होती है– पॉजिटिव
• वोल्टेज रेगुलेटर परिपथ में प्रयुक्त होने वाले डायोड कहलाते हैं– जीनर डायोड
• तापयनिक उत्सर्जन की व्याख्या की गयी है– रिचर्डसन समीकरण द्वारा
• इन्ट्रिजिन्क अर्ध-चालक में डोपिंग के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला (Trivalest) परमाणु होता है– एक्सैप्टर
• कण्डक्शन बैण्ड अंशत: खाली होते हैं– अचालक में
• फोरबिडिन गैप में चौड़ाई अधिकतम होती है– अचालकों के लिए
• छिद्रें मोबाइल आवेश वाहक होते हैं– फोरबिडिन बैण्ड में
• शुद्ध जर्मेनियम प्राप्त होते हैं, जब उनमें मिलाये जाते हैं– इण्डियम
• पूर्ण तरंग दिष्टकारी के लिए आवश्यक होता है– दो डायोड
• जब चार डायोडों को सेतु परिपथ की तरह दिष्टकारी परिपथ में लगाया जाता है, तो वे कहलाते हैं– ब्रिज दिष्टकारी
• ब्रिज तरंग परिपथ होता है– पूर्ण तरंग दिष्टकारी
• दिष्टकारी के आउटपुट वोल्टेज के r.m.s. प्रत्यावर्ती धारा तथा दिष्टकारी वोल्टेज के अनुपात को कहते हैं– रिपिक गुणांक
• दिष्ट धारा को प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति कहलाती है। – इन्वर्टर
• आउटपुट को शुद्ध किया जाता है– फिल्टर परिपथ द्वारा
• अर्द्ध तरंग दिष्टकारी परिपथ की रिपिल आवृत्ति होता है– 50 हर्टज
• पूर्ण तरंग दिष्टकारी परिपथ की रिपिल आवृत्ति होती है – 100 हर्टज
• किसकी दक्षता कम होती है? – अर्द्ध तरंग दिष्टकारी परिपथ की
• किसी दक्षता अधिक होती है? – पूर्ण तरंग दिष्टकारी परिपथ की
• किसका संयोजन सरल होता है? – अर्द्ध तरंग दिष्टकारी परिपथ की
• घटक के आधा पर फिल्टर सर्किट कितने प्रकार के होते हैं– तीन
• ऐसी सारणी जो तार्किक द्वारा के लिए सभी इनपुट/आउटपुट संभावनाओं को दिखाता है कहलाता है– सत्यता सारणी