भारत ने सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के साथ रचा इतिहास


भारत ने दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के साथ 22 नवंबर, 2017 को एक और इतिहास रच दिया। वायुसेना के मुख्य लड़ाकू विमान सुखोई–30 एमकेआई से पहली बार ब्रह्मोस को दागने का सफल परीक्षण किया गया है। बंगाल की खाड़ी में इसने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा। अब भारत के पास जमीन, समुद्र और हवा से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागने की क्षमता है। ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 किमी से ज्यादा है। इस मिसाइल की गति 2.8 मैक है। यानी यह ध्वनि की रफ्तार से 2.8 गुना तेजी से लक्ष्य भेदती है। इस परीक्षण से वायुसेना की दुश्मन के घर में अंदर तक हमला करने की क्षमता बढ़ेगी। इस मिसाइल का वजन 2.5 टन के करीब है। सुखोई–30 ब्रह्मोस के साथ 1500 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है। यह सुखोई पर तैनान किया जाने वाला सबसे भारी हथियार है।


अब भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी हवाई ताकत बन गई है, जिसने हवा से जल–थल पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। अब वायुसेना किसी भी मौसम में 'पूरी सटीकता' के साथ समुद्र अथवा जमीन पर दुश्मन के किसी भी ठिकाने को दूर से ही तबाह कर सकती है। वायुसेना के मुताबिक, इस सफल परीक्षण के बाद भारत को समुद्री और जमीनी लड़ाई में किसी भी देश पर बढ़त मिल गई है।

मुख्य तथ्य
• रूस की मदद से बना लड़ाकू विमान भारतीय सेना का सबसे ज्यादा तेज गति से उड़ने वाला लड़ाकू विमान है।
• यह चालाकी से दुश्मन के इलाके में घुसने और उसके हवाई क्षेत्र पर कब्जा करने में सेना की मदद करता है।
• उड़ान के दौरान आकाश में इसमें किसी विमान से ईंधन भरा जा सकता है।
• यह लगातार 10 घंटे तक हवा में रह सकता है।

ताकत
• मिसाइल पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से भी जांच की जा सकती है।
• जल–थल से दागने पर यह 200 किलो वारॅहेड्स ले जा सकती है।
• सुखोई से दागने पर 300 किलो के वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम।

तकनीक 
• कम ऊंचाई पर उड़ान भरकर रडार को देती चकमा
• तेज रफ्तार के चलते दूसरी इंटरसेप्टर मिसाइलें इसे भेद नहीं सकती हैं
• अंडरग्राउंड बंकर और उड़ते विमान को निशाना बनाने में सक्षम

बेजोड़ ब्रह्मोस
• अमेरिकी सेना की टॉमहॉक मिसाइल से 4 गुना तेज रफ्तार।
• मेनुवरेबल तकनीकी से लैस। लक्ष्य का रास्ता बदला तो मिसाइल भी बदल लेगी रास्ता