भारतीय समय में अतिरिक्त एक सेकेंड जोड़ा गया


पृथ्वी की घूर्णन घड़ी से तालमेल स्थापित करने के लिए 1 जनवरी, 2017 को पांच बजकर 29 मिनटर 59 सेकंड पर भारतीय घंडी में एक सेकंड जोड़ा गया।




राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) में आणविक घड़ी में 31 दिसंबर की रात जब 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकंड हुआ तब धरती के घूर्णन में कमी के साथ तालमेल कायम करने के लिए वर्ष 2017 में एक सेकंड जोड़ने का कार्यक्रम तय किया गया। वैसे तो एक सेकंड जोड़ने से रोजमर्रा की जिंदंगी पर बमुश्किल कोई असर पड़ेगा, लेकिन यह उपग्रह के नौवहन, खगोल विज्ञान औश्र संचार के क्षेत्र में काफी मायने रखता है।

बताया जाता है कि, पृथ्वी और अपनी धुरी पर उसके घूर्णन नियमित नहीं हैं, क्योंकि कभी-कभी यह भूकंप, चंद्रमा के गुरुत्व बल समेत विभिन्न कारकों के चलते तेज तो कभी-कभी धीमे हो जाते हैं। चंद्रमा के गुरुत्व बल से सागरों में लहरें उठती हैं।

फलस्वरूप खगोलीय समय (यूटी-1) आणविक समय (यूटीसी) के समन्वय से बाहर निकल जाता है और जब भी दोनों के बीच फर्क 0.9 सेकंड हो जाता है तो दुनियाभर में आणविक घड़ियों के माध्यम से यूटीसी में 1 लीप सेकंड जोड़ दिया जाता है।