यूनेस्को सूची में अगस्त्यमलाई जैवमंडल क्षेत्र शामिल

प्राकृतिक विशिष्टता के लिए मशहूर अगस्त्यमलाई जैवमंडल क्षेत्र (बायोस्फीयर रिजर्व) Agasthyamala Biosphere Reserve (ABR) को यूनेस्को की सूची में शामिल कर लिया गया है। यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व की सूची में अब भारत के दस आरक्षित क्षेत्र हो गए हैं।

पेरू की राजधानी लीमा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद की दो दिवसीय बैठक में जैव विविधता से भरपूर दुनिया भर के 20 क्षेत्रों को बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया है। इस सूची में आरक्षित जैवमंडल क्षेत्रों की संख्या अब 669 तक पहुंच गई है। इनमें से 16 क्षेत्र एक से ज्यादा देशों में विस्तृत हैं।

यूनेस्को जैव विविधता वाले क्षेत्रों को हर साल अपनी आरक्षित सूची में शामिल करता है। भारत में कुल 18 बायोस्फीयर रिजर्व हैं। अगस्त्यमलाई मिलाकर दस क्षेत्र यूनेस्को की सूची में शामिल हैं।

अगस्त्यमलाई (Agasthyamala) : महत्वपूर्ण तथ्य
– अगस्त्यमलाई जैवमंडल क्षेत्र की सर्वोच्च चोटी समुद्र तल से 1,868 मीटर ऊंची है।
– वर्षा आधारित वन क्षेत्र में 2,254 तरह के पेड़ पौधे हैं, जिनमें तकरीबन चार सौ स्थानीय हैं।
– यहां इलायची जायफल, काली मिर्च और केला बहुतायत में पाए जाते हैं।
– अगस्त्यमलाई के अंतर्गत शेंदुर्नी, पेप्पारा, और नेयार तीन वन्यजीव अभयारण्य हैं। इसके अलावा एक बाघ आरक्षित क्षेत्र (कलाकड मुंडनथुरई) भी है।
– केरल एवं ​तमिलनाडु में फैले अगस्त्यमलाई जैवमंडल क्षेत्र की स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी। यहां कई तरह के जनजाति समुदाय भी रहते हैं।

यूनेस्कों की सूची में शामिल दस बायोस्फीयर रिजर्व 
1. सिमलीपाल (ओडिशा)
2. नोकरेक (मेघालय)
3. पंचमढ़ी (मध्य प्रदेश)
4. नीलगिरि (तमिलनाडु)
5. मन्नार की खाड़ी (तमिलनाडु)
6. सुंदरबन (पश्चिम बंगाल)
7. नंदा देवी (उत्तराखंड)
8. अचनाक्मर-अमरकंटक (एमपी व छत्तीसगढ़)
9. ग्रेट निकोबार (अंडमान निकोबार द्वीप समूह)
10. अगस्त्यमलाई (केरल और तमिलनाडु)