प्रख्यात कथाकार रवींद्र कालिया का निधन

प्रख्यात कथाकार व ज्ञानपीठ के पूर्व निर्देशक रवींद्र कालिया का निधन 9 जनवरी को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में हो गया। वह 76 वर्ष के थे। कालिया लिवर सीरोसिस से पीड़ित थे।

रविंद्र कालिया का पंजाब के जालंधर में जन्म हुआ था। वे केंद्रीय हिंदी निदेशालय की पत्रिका 'भाषा' और 'धर्मयुग' से जुड़े रहे। वे भारतीय भाषा परिषद की पत्रिका 'वागर्थ' के भी संपादक रहे। उनकी पत्नी ममता कालिया भी जानी-मानी साहित्यकार हैं। उन्हें कई साहित्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनकी रचनाएं देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों में शामिल हैं।

रवींद्र कालिया : एक परिचय
जन्म :
11 नवंबर 1939 (जालंधर)
मृत्यु : 09 जनवरी 2016, नई दिल्ली
प्रमुख रचनाएं
नौ साल छोटी पत्नी, गालिब छुटी शराब, खुदा सही सलामत है, एबीसीडी, 17 रानडे रोड
गरीबी हटाओ, गली कूंचे, चकैया नीम, सत्ताइस साल की उमर तक, जरा सी रोशनी

संस्मरण : स्मृतियों की जन्मपत्री, कामरेड मोनालिसा, सृजन के सहयात्री, गालिब छुटी शराब

व्यंग्य संग्रह : नींद क्यों रात भर नहीं आती, राग मिलावट माल कौंस

कहानी-संग्रह : रवींद्र कालिया की कहानियां/दस प्रतिनिधि कहानियां/इक्कीस श्रेष्ठ कहानियां
उपन्यास : खुदा सही सलामत है/एबीसीडी/17 रानडे रोड

उपलब्धियां
ख्यातिलब्ध कहानीकार, उपन्यासकार, संस्मरण लेखक और बेहतरीन संपादक
भारतीय ज्ञानपीठ के निदेश, 'गंगा-जमुना', 'वागर्थ' त​था 'नया ज्ञानोदय' के संपादक
हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका धर्मयुग में अतुलनीय योगदान
प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र अंक, मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन

सम्मान

उ.प्र. हिंदी संस्थान का प्रेमचंद स्मृति सम्मान
म.प्र. साहित्य अकादेमी द्वारा पदुमलाल बक्शी सम्मान
उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा साहित्यनभूषण सम्मान
उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा लोहिया सम्मान
पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि साहित्य सम्मान