1971 भारत-पाक युद्ध के नायक जैकब का निधन

1971 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब (सेवानिवृत्त) का 13 जनवरी को निधन हो गया। वह 92 साल के थे।

जैकब को निमोनिया की शिकायत पर एक जनवरी को भर्ती कराया गया था। उनका जन्म 1923 में तत्कालीन बंगाल प्रेसिडेंसी में हुआ था। वह 19 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए और 1978 तक सेवा देते रहे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध और भारत-पाकिस्तान के बीच हुई 1965 की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था।

उन्हें मुख्य तौर पर 1971 की जंग के हीरो के तौर पर जाना जाता है। तब वह मेजर जनरल थे और युद्ध के दौरान सेना की पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ की भूमिका निभाई थी। उन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप पाक सेना ने हथियार डाले और बांग्लादेश का जन्म हुआ। सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वह भाजपा से जुड़ गए और पार्टी की पूर्व सैनिकों की विंग की कमान संभाल ली। अटल बिहारी ​वाजपेयी सरकार में उन्हें पहले गोवा और फिर पंजाब का राज्यपाल बनाया गया। उन्होंने चंडीगढ़ के प्रशासक की जिम्मेदारी भी निभाई थी। दुनिया के युद्ध इतिहास में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में जैकब का विशेष स्थान है।