रघुवीर चौधरी को 51वां ज्ञानपीठ पुरस्कार

प्रख्यात गुजराती साहित्यकार रघुवीर चौधरी को वर्ष 2015 के लिए साहित्य का प्रतिष्ठित भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। 77 वर्षीय चौधरी का चयन जाने-माने आलोचक डॉ. नामवर सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने 29 दिसंबर को किया गया।

गुजराती के प्रतिष्ठित उपन्यासकार गांधीवादी चौधरी का जन्म वर्ष 1938 में हुआ। उन्होंने कविता और नाटक जैसी साहित्यिक विधाओं में भी महत्वपूर्ण लेखन किया है। अमृता, सहवास, अन्तर्वास, वेणु पतनमां (कविता संग्रह) उनकी प्रमुख रचनाओं में से शामिल है। उनकी 80 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

वह कई पत्र-पत्रिकाओं से स्तंभकार के रुप में भी जुड़े रहे हैं। वर्ष 1977 में उनकी कृति 'उप्रवास कथात्रयी' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता 1965 से अब तक

भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा वार्षिक आधार पर दिया जाने वाला यह पुरस्कार संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन कार्य करने वाले साहित्यकार को उसके जीवनभर के साहित्यिक योगदान को देखते हुए दिया जाता है। चौधरी से पहले गुजराती में यह पुरस्कार 1967 में उमा शंकर जोशी, 1985 में पन्नालाल पटेल और वर्ष 2001 में राजेंद्र शाह को दिया गया था। वर्ष 2014 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी साहित्यकार भालचंद्र नेमाडे को दिया गया था। पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयाली साहित्यकार जी शंकर कुरुप को वर्ष 1965 में दिया गया था। इसके तहत साहित्यकारों को 11 लाख रुपए का चेक, वाग्देवी की प्रतिमा, एक प्रशस्ति पत्र, शॉल आदि प्रदान की जाती है।

Jnanpith Award Winners List (1965–2015)