सरकारी नौकरियों में खत्म होगा इंटरव्यू प्रथा


केंद्र सरकार देश भर के सरकारी विभागों के कई पदों पर भर्ती के दौरान साक्षात्कार की प्रथा को खत्म करने की योजना बना रही है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री डा. जीतेंद्र सिंह ने प्रदान की।

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि केन्‍द्र सरकार जूनियर स्‍तर के पदों पर नियुक्ति के लिये साक्षात्‍कार लेने की प्रथा को समाप्‍त करने के पक्ष में है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने विभिन्‍न राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों के सामान्‍य प्रशासन विभाग/कार्मिक के प्रधान सचिवों की बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए कहा कि कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने साक्षात्‍कार प्रथा खत्‍म करने के लिए उपर्युक्‍त पदों की पहचान करने का गंभीर अभ्‍यास शुरु किया है। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में विभिन्‍न राज्‍य सरकारों, राज्‍य लोक सेवा आयोगों तथा कर्मचारी चयन आयोग को सूचना दे दी गई है।

ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा स्‍वतंत्रता दिवस संबोधन में दिये गये सुझाव के बाद किया गया है। सरकार शीघ्र ही ऐसे सभी पदों, विशेषकर समूह III और IV जैसे यूनियर स्‍तर के पदों, की पहचान करेगी जहां साक्षात्‍कार की प्रथा खत्‍म करने की संभावना है वहां इसे रोक दिया जायेगा।

क्यों लिया गया साक्षात्कार की प्रथा को खत्म करने का फैसला- 
● एक पद के लिए साक्षात्‍कार से उम्‍मीदवार की क्षमता का निर्धारण हो जाये, ऐसा जरूरी नहीं।
● साक्षात्‍कार व्‍यवस्‍था में कभी कभार छल-कपट तिकड़म तथा भ्रष्‍टाचार की संभावना बनी रहती है।
● इससे युवाओं को राजपत्रित अधिकारियों से अपने प्रमाण पत्रों के सत्‍यापन के लिए होने वाली परेशानी दूर होगी।
● इससे यह संदेश जाता है कि वर्तमान सरकार देश के युवाओं पर भरोसा करती है।

ऐसे पदों को छोड़कर जहां विशेष कार्य के लिए विशेष क्षमता जांच के लिए साक्षात्‍कार से मदद मिलेगी, शेष मामलों में साक्षात्‍कार खत्‍म करना न केवल जनहित में होगा बल्कि संसाधन की कमी वाले तथा निचले सामाजिक, आर्थिक आधार से आने वाले उम्‍मीदवारों को भी समान स्‍तर मिलेगा।

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