विश्वनाथन आनंद ग्रेके शतरंज हारे व रैंकिग गिरी


पांच बार विश्व चैंपियन रह चुके भारत के विश्वनाथन आनंद ग्रेके शतरंज क्लासिक के सातवें और आखिरी दौर में इंग्लैंड के ग्रैंडमास्टर माइकल एडम्स से हारकर सातवें स्थान पर रहे। आनंद ने ड्रॉ की ओर बढ़ रहे मुकाबले में भारी चूक की जिससे कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल के पहले क्लासिकल टूर्नामेंट में उन्हें सिर्फ 2.5 अंक मिले। इस हार से विश्वनाथन आनंद को 15 रेटिंग अंक गंवाने पड़े और वह विश्व रैकिंग में नौवें स्थान पर खिसक गए।

इस टूर्नामेंट में आनंद को तीन हार, तीन ड्रॉ और सिर्फ एक जीत प्राप्त ​हुई। विश्व चैंपियन नार्वे के मैग्नस कार्लसन ने जर्मनी के अर्कादिज नैडिश को लंबे चले टाइब्रेकर में हराकर खिताब जीता। दोनों के बीच फाइनल मुकाबला ड्रॉ रहा और दोनों 4.5 अंक लेकर शीर्ष पर थे। इसके बाद मुकाबला टाइब्रेकर तक खिंचा और इससे विजेता का फैसला हुआ।

विश्वनाथन आनंद : जीवन परिचय
विश्वनाथन आनंद भारतीय शतरंज खिलाड़ी, अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर एवं पूर्व विश्व चैंपियन हैं। 11 दिसम्बर, 1969 को जन्में आनंद ने पांच बार विश्व शतरंज प्रतियोगिता जीती। वर्ष 1988 में विश्वनाथन आनंद भारत के ग्रांडमास्टर बने। उन्हें वर्ष 1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सबसे पहले सम्मानित किया गया जो कि भारत का सबसे माननीय खेल पुरस्कार है। इसके अतिरिक्त विश्वनाथन आनंद को वर्ष 2007 में भारत का द्वितीय सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण दिया गया, जिससे वे भारतीय इतिहास के सबसे पहले खिलाड़ी बने जिसे यह पुरस्कार प्राप्त हुआ।

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