आम बजट : जानिए महत्वपूर्ण बिंदु

आम बजट

बजट शब्द की उत्पत्ति पुरानी फ्रेंच भाषा के शब्द बॉजेट से हुई है, जिसका अर्थ होता है, चमड़े का बटुआ। बजट के जरिये सरकार अगले साल के आय-व्यय का ब्योरा पेश करती है, जिससें सभी स्त्रोतों से प्राप्त राजस्व और सरकारी खर्चों को एक साथ रखा जाता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार आम बजट तैयार करने में वित्त मंत्रालय, योजना आयोग, प्रशासनिक मंत्रालय और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक मुख्य भूमिका निभाते हैं। बजट भाषण दो हिस्सों में होता है, जिसमें पहला हिस्सा आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित होता है, जबकि दूसरे में कर प्रस्ताव होते हैं। आम बजट अमूमन फरवरी के आखिरी कार्यदिवस को पेश किया जाता है। 

पहले हमारे यहां ब्रिटेन की तर्ज पर शाम पांच बजे संसद में बजट पेश किया जाता था, लेकिन वर्ष 2001 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने उस परम्परा को खत्म कर सुबह 11 बजे बजट पेश करना शुरू किया। स्वतंत्र भारत का पहला बजट पहले वित्त मंत्री आर. के. शंमुखम चेट्‍टी ने 26 नवम्बर, 1947 को पेश किया था। अब तक सबसे ज्यादा दस बार बजट पेश करने का रिकार्ड मोरारजी देसाई के नाम है। वर्ष 1950 तक बजट दस्तावेजों का प्रकाशन राष्ट्रपति भवन में ही होता था, लेकिन लीक हो जाने के कारण उसके बाद 1980 तक उसका प्रकाशन मिंटो रोड में किया जाने लगा। उसके बाद से नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में उसका प्रकाशन होता है। पहले ये दस्तावेज केवल अंग्रेजी में ही प्रकाशित होते थे, लेकिन 1955-56 से हिन्दी में भी तैयार होने लगे। वर्ष 1973-74 के बजट को 'ब्लैक बजट' के नाम से जाना जाता है, जिसे तत्कालीन यशवंत बी. चह्ववाण ने पेश किया था। उस वित्त वर्ष में बजट घाटा 550 करोड़ रुपये था।

आम बजट के इतिहास से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु- 

● भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को आरके शंमुखम चेट्‍टी द्वारा पेश किया गया था।

● मोरारजी देसाई ने वित्तमंत्री के तौर पर 10 बार बजट पेश किया है। यह भारत के किसी भी वित्तमंत्री द्वारा सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।

● पूर्व वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने 7 बार आम बजट पेश किया है।

● 1950 में बजट लीक हो गया था। तब यह राष्ट्रपति भवन में छपता था।

● मोरारजी देसाई ने 29 फरवरी 1964 और 1968 को बजट पेश किया। वे भारत के एकमात्र वित्तमंत्री हैं, जिन्होंने अपने जन्मदिन पर बजट पेश किया।

● भारत के इतिहास में अब तक केवल एक ही महिला वित्तमंत्री हुई हैं। इंदिरा गांधी। प्रणब मुखर्जी पहले राज्यसभा सदस्य हैं, जो वित्तमंत्री बने।

● राजीव गांधी भारत के तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने संसद में बजट पेश किया। इससे पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने ऐसा किया था।

● सन् 2000 तक बजट फरवरी माह के अंतिम कार्यदिवस को शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन 2001 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने पर वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने ब्रिटिश समय पर आधारित यह परंपरा तोड़ी और तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।

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