गोरखपुर से पांच बार लगातार सांसद रहे हिंदुत्ववादी छवि वाले नेता महंत योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी। इनके आलावा उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश सिंह को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। 5 जून, 1972 को उत्तराखंड के गढ़वाल में राजपूत बिष्ट परिवार में पैदा हुए योगी आदित्य नाथ का पहले नाम अजय सिंह विष्ट था लेकिन नाथ संपद्राय में दीक्षित होने और सन्यास लेने के बाद उनका नाम योगी आदित्यनाथ हो गया। लोकसभा चुनावों में 73 लोकसभा सीटें जीतने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी जनता ने भारतीय जनता पार्टी को 312 सीटें जिताकर ऐतिहासिक जनादेश दिया है।
योगी आदित्यनाथ गोरखपुर जिले में स्थित मशहूर गोरखनाथ मठ के महंत हैं। इस मठ का संबंध 11वीं सदी में नाथ संप्रदाय के विख्यात संत गुरु गोरक्षनाथ से जोड़ा जाता है। नाथ संप्रदाय हिंदू धर्म की शैव परंपरा का हिस्सा है। नाथ संप्रदाय के लोग अपना संबंध दत्तात्रेय से जोड़ते हैं। मान्यता है कि दत्तात्रेय ब्रह्मा, विष्णु और शिव की तिकड़ी का अवतार थे।
गढ़वाल विश्वविद्याल से विज्ञान में स्नातक करने वाले महंत योगी आदित्यनाथ वर्तमान में गारेखपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी का सांसद होने के साथ नाथ संपद्राय की गोरखपुर में स्थित सबसे बड़ी पीठ और मठ गोरखनाथ मंदिर के गोरक्षपीठाधीश्वर महंत हैं। नाथ संप्रदाय की सबसे कठिन परंपरा हठयोग में दीक्षित और हठयोग स्वरूप एवं साधन, राजयोग- स्वरूप और साधना नामक किताब लिखने वाले योगी 22 साल की उम्र में 15 फरवरी 1994 को गोरखनाथ मंदिर के महंत और सांसद अवैधनाथ ने अपना उत्तराधिकारी चुना था।