अब 1 अप्रैल से केवल 2 लाख ही होगी कैश लेनदेन सीमा

अब देश में 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेनदेन पर पूरी तरह रोक लगने जा रही है। इसके बाद देश में कोई भी खरीदारी में 2 लाख रुपये से अधिक कैश का इस्तेमाल गैरकानूनी होगा और इसके लिए सरकार को 100 फीसदी जुर्माना अदा करना होगा। सरकार ने 21 मार्च को नकदी लेनदेन की सीमा 3 लाख से घटाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्‍ताव किया है। सरकार ने इस प्रस्‍ताव में नियम का उल्‍लंघन करने पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया है।




इस नियम के बाद देश में किसी भी दुकानदार के लिए किसी एक ग्राहक से 2 लाख रुपये से अधिक नकद प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा।
उसके पास अब 2 लाख रुपये से अधिक किसी बिक्री में ग्राहकों से अधिक रकम का भुगतान ऑनलाइन, डिजिटल अथवा चेक से लेने की मजबूरी होगी।

गौरतलब है कि 8 नवंबर को देश में नोटबंदी के ऐलान के बाद केन्द्र सरकार ने कैश लिमिट 3 लाख रुपये तय की थी। वहीं कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बनी एसआईटी ने अधिकतम 2 लाख रुपये का कैश ट्रांजैक्शन लिमिट रखने का सुझाव दिया था।

फाइनेंस बिल संसद से पारित हो जाने के बाद एक दिन में कोई व्यक्ति 2 लाख रुपये से अधिक का कैश लेनदेन नहीं कर सकेगा। इस नियम के तहत आप एक दिन में 2 लाख रुपये से कम के कई ट्रांजैक्शन भी नहीं कर सकेंगे। नियम के मुताबिक दिन के किए गए सभी ट्रांजैक्शन का टोटल 2 लाख रुपये की लिमिट में होना अनिवार्य है।

सनद रहे, कि कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अर्थव्यवस्था में कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए तीन लाख रुपए से अधिक राशि के नकद लेनदेन पर रोक लगाने की सिफारिश की थी। इसके अलावा व्यक्तिगत स्तर पर 15 लाख रुपए से अधिक नकद राशि रखने पर भी रोक लगाने का सुझाव एसआईटी ने सरकार को दिया है।

एसआईटी ने रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति अथवा उद्योग को सीमा से अधिक नकदी रखने की जरूरत होती है तो वह इसके लिये क्षेत्र के आयकर आयुक्त से इसके लिए जरूरी अनुमति ले सकता है।