इंग्लैंड में रहने वाले भारतीय मूल के प्रसिद्ध ब्रिटिश मूर्तिकार अनीश कपूर को यहूदी मूल्यों को लेकर उनकी प्रतिबद्धता के लिए इस्राइल के प्रतिष्ठित जेनेसिस पुरस्कार के चुना गया। पुरस्कार के साथ उन्हें 6.71 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। वह सीरियाई शरणार्थियों के मानवाधिकारों के पैरोकार के रूप में भी उभरे है।
अनीश कपूर के उल्लेखनीय कार्यों में यरूशलम स्थित म्यूजियम में उनकी कलाकृति ‘टर्निंग द वर्ल्ड अपसाइड डाउन’ है। कपूर को यह पुरस्कार दिया जाना भारत और इस्राइल के बीच स्थापित हुए राजनयिक संबंधों की 25वीं वर्षगांठ से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मौके पर ज्यूइश समुदाय की ओर से दिल्ली में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है।
भारत में इस्राइल के राजदूत डेनियल कारमन ने कपूर को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि उनका सामाजिक न्याय और गतिविधियों से जुड़े रहने का लंबा इतिहास रहा है। इससे पहले यह पुरस्कार माइकल ब्लूमबर्ग, माइकल डगलस और इत्जाक पेरीमान जैसी हस्तियों को मिल चुका है।
यह पुरस्कार पाने वालों में कपूर के साथ इत्जहाक पर्लमैन, न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग और अभिनेता-निर्देशक माइकल डगलस भी हैं। मुंबई में जन्मे कपूर की मां ईरानी मूल की यहूदी और पिता भारतीय थे। उन्होंने कहा कि वह पुरस्कार राशि युद्ध प्रभावित लोगों की मदद के लिए दान करेंगे। सीरिया में मौजूदा उठापटक के चलते 25 लाख बच्चों समेत 1.25 करोड़ लोगों ने पलायन किया है।