प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता ओम पुरी का निधन


बॉलीवुड के सबसे प्रतिभावान तथा सम्मानित अभिनेताओं में से एक ओम पुरी का 66 वर्ष की आयु में 6 जनवरी को निधन हो गया। उनकी मृत्यु की वजह दिल का दौरा पड़ना बताई जा रही है।




देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाज़े जा चुके ओम पुरी ने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है।

हरियाणा के अंबाला में एक रेलवे अधिकारी के घर वर्ष 1950 में जन्मे ओम पुरी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट में भी अध्ययन किया, और वह दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के वर्ष 1973 बैच के सदस्य भी थे, जहां नसीरुद्दीन शाह उनके सहपाठी थे।

उस समय जारी कला फिल्मों के दौर में सबसे मजबूत अभिनेता कहे जाने वाले नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल जैसे धुरंधर अभिनेताओं के साथ उन्होंने कई फिल्में कीं। भवई (1980), सद्गति (1981), अर्द्धसत्य (1982), मिर्च मसाला (1986) तथा धारावी (1992) इन अभिनेताओं की कुछ यादगार फिल्में हैं।

ओम पुरी ने वर्ष 1982 में आई रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' में भी एक छोटी-सी भूमिका अदा की थी, लेकिन वर्ष 1990 के दशक में लोकप्रिय हिन्दी सिनेमा का हिस्सा बनने वाले ओम पुरी ने बहुत-सी ब्रिटिश, हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया, और वह विदेशों में सबसे ज़्यादा जाने-पहचाने भारतीय अभिनेताओं में शुमार किए जाते हैं।

उन्होंने हॉलीवुड में पैट्रिक स्वेज़ी के साथ 'सिटी ऑफ जॉय' (1992), जैक निकलसन के साथ 'वोल्फ' (1994) तथा वॉल किल्मर के साथ 'द घोस्ट एंड द डार्कनेस' (1996) में काम किया। इसके अलावा ओम पुरी ने टॉम हैन्क्स तथा जूलिया रॉबर्ट्स के अभिनय से सजी 'चार्ली विल्सन्स वॉर' में भूतपूर्व पाकिस्तानी तानाशाह जनरल ज़िया-उल-हक का किरदार निभाया था।