5000 किमी मारक क्षमता वाली अग्नि-5 का सफल प्रक्षेपण


भारत ने 27 दिसंबर को ओडिशा के कलाम द्वीप तट से स्वदेश में विकसित अंतर से सतह तक मार करने में सक्षम और परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का परीक्षण किया। अग्नि-5 5000 किलोमीटर तक मार सकती है। इसका पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था, जबकि दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा परीक्षण 31 दिसंबर 2015 को इसे ठिकाने से किया गया था।




परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम भारत की अब तक की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली ये मिसाइल 1000 किलोग्राम तक के आयुध के साथ हमला कर सकती है। अग्नि-5 चीन और पाकिस्तान के काफी अंदर तक हमला करने में सक्षम है। अग्नि-5 की निर्माण भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने किया है। मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम (एमटीसीआर) का सदस्य बनने के बाद भारत ने पहली बार किसी मिसाइल का परीक्षण किया है।

बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 ठोस प्रोपेलेंट से संचालित होती है। ये मिसाइल किसी भी मौसम और किसी भी भौगोलिक स्थिति में प्रक्षेपित की जा सकती है। अग्नि-5 की लंबाई 17 मीटर है। इसका वजन करीब 50 टन है। ये काफी तेज और अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। अग्नि-5 मिसाइल “दागो और भूल जाओ” सिद्धांत के तहत काम करती है। इसके बैलेस्टिक पथ के कारण इसे पकड़ना दुश्मन के लिए आसान नहीं होगा।
भारतीय सेना के पास अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइल पहले ही मौजूद हैं। भारतीय सेना के पास सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी है।इस शृंखला की मिसाइल में अग्नि-1 700 किलोमीटर, अग्नि-2 2000 किमी, अग्नि-3 2500 किमी और अग्नि-4 3500 किमी तक मार कर सकती हैं। भारत ने अग्नि-5 को “शांति का अस्त्र” बताया है। भारत ने अग्नि शृंखला की पहली मिसाइल 1989 में इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत बनाई थी।

अग्नि-5 के परीक्षण के महत्वपूर्ण तथ्य
– देश में बनी बैलिस्टिक मिसाइल
– 5,000 किमी की दूरी तक मारक क्षमता
– परमाणु क्षमता से लैस
– ज़मीन से ज़मीन पर मार करता है
– मिसाइल का प्रक्षेपण भार 50 टन
– 1 टन का परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
– अग्नि सीरीज़ की सबसे आधुनिक मिसाइल
– हाइटेक नैविगेशन क्षमता से लैस
– DRDO ने विकसित किया