नीति आयोग क्या है? जानिये Niti Aayog को


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लालकिले से अपने संबोधन के दौरान योजना आयोग को समाप्त कर, उसकी जगह एक नयी संस्था नीति आयोग (Niti Aayog) स्थापित करने की घोषणा की थी। नीति आयोग का पूरा नाम NATIONAL INSTITUTE FOR TRANSFORMING INDIA (NITI) है। यह नयी संस्था 8 सदस्यीय एक थिंक टैंक है। इस आठ सदस्यीय थिंक टैंक में एक अध्यक्ष और सात सदस्य हैं। राज्यों की पुरानी मांग को पूरा करते हुए नये आयोग में राज्यों को भी भागीदार बनाया गया।

1 जनवरी, 2015 को भारत सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर नेशनल इन्स्टीच्यूट फॉर ट्रांसफार्मिंग इण्डिया (NITI) या नीति आयोग के गठन की घोषाणा की। योजना आयोग की तरह नीति आयोग का गठन भी केंद्रीय मंत्रीमंडल के निर्णय से हुआ है। प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष होंगे तथा नीति आयोग के एक उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा होगी। इसके पांच पूर्णकालिक तथा दो अंशकालिक सदस्य होंगे जिनकी नियुक्ति सरकार करेगी। इनका चयन विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों तथा अन्य संगठनों से आवर्तक आधार पर होगी। चार केंद्रीय मंत्री इसके पदेन सदस्य होंगे।

नीति आयोग और योजना आयोग में अंतर : नीति आयोग का उद्देश्य जमीनी हकीकत के आधार पर योजना बनाना होगा। इसलिए इसमें विकेन्द्रीयकरण (सहकारी संघवाद) को भी शामिल किया है। जिससे केंद्र के साथ राज्य भी योजनाओं को बनाने में अपनी राय रख सकेंगे। इसके अंतर्गत योजना निचले स्तर पर स्थित इकाइंयों गांव, जिले, राज्य, केंद्र के साथ आपसी बातचीत के बाद तैयार की जाएगी।

नीति आयोग में पदों की संख्या
अध्यक्ष : नरेन्द्र मोदी
गवर्निंग काउंसिल : मुख्यमंत्री (राज्यों के) और लेफ्टिनेंट गवर्नर (संघ शासित क्षेत्रों के)
क्षेत्रीय परिषद : जरूरत के आधार पर गठित, मुख्यमंत्री व क्षेत्र के लेफ्टिनेंट गवर्नर को शामिल किया गया।
सदस्य : पूर्णकालिक आधार पर
अंशकालिक सदस्य : अधिकतम 2, रोटेशनल , प्रासंगिक संस्थानों से।
पदेन सदस्य : मंत्रियों की परिषद से अधिकतम 4, प्रधानमंत्री द्वारा नामित।
सीईओ : निश्चित अवधि के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त।
सचिवालय : यदि आवश्यक हो।